मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पहले ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ फिर ‘उल्टा ओम’ और इसके बाद ‘मोदी-मोदी’ एवं ‘जय श्रीराम’ के उद्घोषों की वजह से चर्चाओं का केन्द्र बनी। कथित विवादों की ‘श्रृंखला’ में सोमवार को एक और नया ‘विवाद जुड़ गया।’ इस कथित ‘विवाद’ को जन्म किसी और ने नहीं, स्वयं राहुल गांधी ने दिया!
इंदौर में मीडिया से बातचीत के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमल नाथ को भृकुटियां तानकर नाम से संबोधित किये जाने पर बीजेपी और मीडिया ने राहुल गांधी की जमकर खिंचाई की है।
बता दें, सोमवार दोपहर को इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस रखी गई थी। मंच पर आधा दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ नेता मौजूद थे। राहुल गांधी के दाहिने हाथ पर ठीक बगल में पीसीसी चीफ कमल नाथ बैठे थे।
प्रेस कांफ्रेंस का संचालन पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पार्टी सांसद जयराम रमेश कर रहे थे।
रमेश, सवाल करने का अवसर देने के लिये पत्रकार और उसके संस्थान का नाम पुकारते थे। पत्रकार सवाल करता था और राहुल गांधी सवाल का जवाब देते थे। पूरी प्रेस कांफ्रेंस में किसी भी पत्रकार को अपने सवाल के बाद पूरक प्रश्न करने की आजादी या अनुमति जयराम रमेश ने नहीं दी।
लंबे जवाब होने पर जयराम रमेश अपने नेता राहुल गांधी को बीच-बीच में टोकते और रोकते भी रहे। वे कहते थे, ‘राहुल जी जवाब संक्षिप्त में दीजिये। उदाहरण नहीं दीजिये। यात्रा को लेकर जल्दी आपको आगे भी बढ़ना है। राहुल गांधी भी पूरे सम्मान से रमेश की हां में हां मिलाकर जवाब संक्षिप्त रखने का आश्वासन देते थे। जवाब को संक्षिप्त कर देते थे।
कन्याकुमारी से आरंभ हुई राहुल गांधी की यात्रा का मध्य प्रदेश में सोमवार को सातवां दिन था। यात्रा के इस पड़ाव (सांवेर) पर राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस (कन्याकुमारी से सांवेर तक) का क्रम भी सातवां ही था। सांवेर से पहले तक के सफर में छह प्रेस कांफ्रेंस वे कर चुके थे।
सांवेर में राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस की शुरूआत सीधे सवालों से हुई। जयराम रमेश ने कहा, ‘राहुल जी कोई ओपनिंग रिमार्क नहीं देंगे, पत्रकार सीधे सवाल करें।’
दूसरे-तीसरे सवाल से माइक में आरंभ हुई खरखराहट, नॉइस और व्यवधान से राहुल असहज दिखे। पहले उन्होंने स्वयं का मोबाइल टेबल से हटाया। दूसरी बार आसपास बैठे पार्टीजनों (नेताओं) से अपने-अपने मोबाइल फोन के स्विच ऑफ करने की अपील की। एक बार सवाल करते मीडिया कर्मी से भी पहले मोबाइल का स्विच ऑफ करने का अनुरोध किया और फिर उसके सवाल का जवाब दिया।
तमाम प्रयासों के बाद भी राहुल गांधी के माइक (हाथों में थामे थे) में तकनीकी गड़बड़ी थमने का नाम ही नहीं लेती थी। जवाब देते वक्त खरखराहट और नॉइस बंद नहीं हुई तो राहुल गांधी ने झल्लाहट भरे अंदाज में बाजू में बैठे पीसीसी चीफ की तरफ सिर घुमाकर सवाल दागते हुए पूछा, ‘कमल देयर सम इंटरफेयरेंस टेकिंग प्लेस हेयर!’
कमल नाथ ने क्या जवाब दिया? यह तो सुनाई नहीं पड़ा। माइक व्यवस्था संभालने वालों ने अलबत्ता कुछ किया! कुछ पलों के बाद ही माइक काफी हद तक ठीक हो गया और बची हुई प्रेस कांफ्रेंस व्यवधान के बिना पूरी हो गई। प्रेस कांफ्रेंस तो हो गई, लेकिन मीडिया और भाजपाई राहुल गांधी पर ‘बरस पड़े।’
पत्रकार ने उठाए सवाल
मध्य प्रदेश के एक युवा पत्रकार ने अनेक सवाल उठाते हुए अपने ब्लाग में लिखा, ‘कमल देयर सम इंटरफयरेंस टेकिंग प्लेस हेयर’ एक सामान्य सा वाक्य है। प्रधानमंत्री अपने मातहतों को पहले नाम से संबोधित करें तो कोई फर्क नहीं पड़ता और ना ही कोई ध्यान देता है। कलेक्टर यदि अपने से ज्यादा उम्र के अधीनस्थों को इसी टोन (राहुल आपके अंदाज) में संबोधित करें तब तो कोई ध्यान देने वाली बात ही नहीं है।
पत्रकार ने आगे लिखा है, ‘यदि नरेंद्र मोदी भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी या मुरली मनोहर जोशी को निर्देशित करने वाले इस (राहुल आपके) अंदाज में नाम लेकर संबाधित करें तो शायद इस देश का मतदाता मोदी को नकराने में कोई वक्त जाया नहीं करेगा।’
पत्रकार ने, कमल नाथ की उम्र का स्मरण कराते हुए राजीव गांधी और संजय गांधी के साथ नाथ के काम करने की याद दिलाई। यह भी स्मरण कराया कि दादी (इंदिरा गांधी) कमल नाथ को अपना तीसरा पुत्र मानतीं थीं। परनाना पंडित जवाहर लाल नेहरू का सानिध्य भी नाथ को मिला। यह भी याद दिलाया कि नाथ कितने वरिष्ठ और अनुभवी हैं।
पत्रकार ने उदाहरणों के साथ लिखा है, ‘सम्मान देना, भारतीय संस्कृति और संस्कारों का हिस्सा है। मगर आपके लहजे ने साबित कर दिया है कि आप इन्हें (भारतीय संस्कृति-संस्कारों को) आत्मसात नहीं कर पाये हैं!’
मध्य प्रदेश भाजपा ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दो चित्र जारी करते हुए राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया है। ट्वीट में कहा गया है, ‘ये हमारे देश के संस्कार नहीं हैं राहुल जी...’
ट्वीट में पहला चित्र हाथों में माइक थामे, राहुल गांधी का है। चित्र के ऊपर कैप्शन है, ‘राहुल गांधी जी जिस कमल की बात कर रहे हैं, वह कोई साउंड वाला नहीं।’
जबकि दूसरे चित्र में राहुल गांधी के ठीक बाजू में बैठे कमल नाथ और पीछे बैठे अन्य वरिष्ठ नेताओं वाले चित्र में कैप्शन दिया गया है, ‘राजीव गांधी जी के साथी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कमल नाथ जी हैं!’
बीजेपी के ट्वीट को फॉलो करते हुए आशीष अग्रवाल नामक ‘फॉलोअर’ ने लिखा है, ‘बड़े ही संस्कारहीन हो...पिता के उम्र के कमल नाथ जी को कमल कहकर बुलाना तुम्हारी असभ्यता का प्रमाण है!’
यहां बता दें, कमल नाथ 76 वर्ष के हो गये हैं। राहुल गांधी की आयु 52 वर्ष है।
राहुल के ‘कमल उवाच’ को लेकर भाजपा के ट्वीट एवं मीडियावालों की टिप्पणियों पर कमल नाथ और कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी किसी तरह की सफाई या जवाब नहीं आया है।