रायबरेली में रविवार को अमित शाह की रैली के दौरान यूट्यूब मोलिटिक्स के पत्रकार राघव त्रिवेदी को जमकर पीटा गया और एक कमरे में बंधक बनाकर "बंद" कर दिया गया। ये आरोप पत्रकार राघव त्रिवेदी ने लगाए हैं। उन्होंने बताया कि अमित शाह की रैली में आई कुछ महिलाओं के उन्होंने इंटरव्यू किए तो उन लोगों ने बताया कि उन्हें पैसे का लालच देकर लाया गया है। राघव ने सोमवार को वो वीडियो क्विप सार्वजनिक कर दी। उस क्लिप को उन्हीं के हवाले से लगाया जा रहा है। सत्य हिन्दी न तो उनके आरोपों की पुष्टि कर रहा है और न ही इस वीडियो क्लिप की पुष्टि कर रहा है। देखिए राघव त्रिवेदी का एक्स पर वीडियो-
राघव त्रिवेदी ने एक्स पर लिखा है- ये वो वीडियो क्लिप है जिसको बचाने के लिए मुझे अमित शाह की रैली में लिंचिंग का शिकार होना पड़ा, ये वो क्लिप है जो 400 पार के खोखले दावे की सच्चाई दिखा रही है, वो भाजपाई साथी जो मुझे पीट रहे थे उन्हें बस ये क्लिप चाहिए थे जो मैंने उनको नहीं दी और अब अपलोड कर रहा हूँ. हां ये सच है कि अमित शाह की रैली में आये लोग अमित शाह को नहीं जानते थे और उन्हें 100-200 रुपये का लालच देकर लाया गया था।
एक अलग इंटरव्यू में राघव त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें "मुल्ला (मुस्लिम)" और "आतंकी" कहा, क्योंकि रैली में भाग लेने के लिए महिलाओं को भुगतान किए जाने के बारे में "वीडियो क्लिप" बनाने पर उन पर हमला किया था। राघव ने कहा कि उनसे रैली स्थल छोड़ने के लिए कहा गया। उनका कॉलर पकड़कर उन्हें लात-घूंसों से मारा गया। उनसे वीडियो क्लिप हटाने के लिए भी कहा गया। जब राघव ने भाजपा कार्यकर्ताओं को बताया कि क्लिप तो कैमरामैन के पास है और वो रैली स्थल से जा चुका है तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला करना शुरू कर दिया। उसमें और लोग भी शामिल हो गए। फिर उन्हें खींचकर एक अस्थायी कमरे में ले जाया गया, जो मीडिया लॉबी के नाम से बना था।
राघव त्रिवेदी का आरोप है कि इस घटना के समय वहां कई पत्रकार और "40-50 पुलिसकर्मी" भी थे। मैं लोगों से मदद मांगता रहा, उन्हें रोकने का अनुरोध करता रहा। लेकिन कोई भी मेरे बचाव में नहीं आया। उन्होंने मुझे 150-200 बार मुक्का मारा। जब मैं बेहोश होने लगा तो उन्होंने मुझे वहां से बाहर निकाला। फिर मुझे किसी ने अस्पताल पहुंचाया।
घटना की सूचना मिलते ही कई कांग्रेसी कार्यकर्ता, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल घायल पत्रकार राघव त्रिवेदी का हालचाल पूछने अस्पताल पहुंच गए। कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी आदि ने इस घटना पर ट्वीट भी किया। कांग्रेस पार्टी ने कहा- यूपी के रायबरेली में अमित शाह की रैली थी। यहां महिलाओं ने एक पत्रकार को बताया कि उन्हें पैसे देकर रैली में लाया गया है। पत्रकार ने यह बात रिकॉर्ड कर ली। इसके बाद BJP के गुंडों ने पत्रकार को पकड़ लिया और उससे वीडियो डिलीट करने को कहा। जब पत्रकार ने मना किया तो BJP के गुंडों ने उसे अगवा कर लिया, फिर मंच के पीछे एक कमरे में ले जाकर बुरी तरह पीटा। पत्रकार से रुपए भी छीन लिए। BJP के गुंडों ने हाल ही में अमेठी के कांग्रेस कार्यालय के बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की थी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला किया था। ये घटनाएं बता रही हैं कि BJP के लोग सामने दिख रही हार से बौखला चुके हैं। अब अन्याय का अंत होने को है।
इस घटना की प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने निन्दा की है। प्रेस क्लब ने कहा- प्रेस क्लब ऑफ इंडिया इस हमले की कड़ी निंदा करता है। हम चुनाव आयोग और स्थानीय अधिकारियों से हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं। रोजमर्रा की रिपोर्टिंग में पत्रकारों को नियमित रूप से शारीरिक धमकी, उत्पीड़न और हमले का शिकार होना पड़ता है। ऐसी चीजें लोकतंत्र के चौथे स्तंभ होने के नाते भारत को कमजोर करती हैं।'
सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक्स पर कहा- हिंसा हार की निशानी होती है। भाजपा की रायबरेली की एक रैली में पैसे देकर लाए गये लोगों के बारे में जब दिल्ली के एक पत्रकार ने सच सबके सामने लाना चाहा तो भाजपाइयों ने उसके ऊपर हमला कर दिया। यही है उप्र में क़ानून-व्यवस्था का सच। जब देश के गृहमंत्री की रैली में ये हाल है, जिनके अधीन पुलिस होती है तो फिर बाक़ी देश का कितना बुरा हाल होगा, कहने की ज़रूरत नहीं। भाजपा हिंसक माहौल बनाकर चुनाव जीतना चाहती है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ट्वीट देखिए-
जानी-मानी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का एक्स पर ट्वीट देखिए-
जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार का ट्वीट-
भारत मीडिया की आजादी के मामले में लगातार पिछड़ रहा है। भारत की रैंक 2024 में 159वें स्थान पर है। पाकिस्तान की स्थिति भारत से इस मामले में बेहतर है। लेकिन मोदी सरकार भारत में प्रेस की आजादी की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग को प्रचार बताती रही है और इसी आधार पर खारिज करती रही है। यानी दुनिया कुछ भी कहे मोदी सरकार उसे नहीं मानती।
हाल ही में पीएम मोदी अपनी हेट स्पीच के कारण अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आलोचना का शिकार बने। अमेरिकी, ब्रिटिश, ऑस्ट्रेलियाई अखबारों ने उन पर लेख प्रकाशित किए कि किस तरह भारत में आम चुनाव को पीएम मोदी ने नफरती माहौल में बदल दिया है। सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।