लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में बीजेपी को अब एक और झटका लगा है। बीजेपी नेता और कुरुक्षेत्र से दो बार की पूर्व सांसद कैलाशो सैनी ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की उपस्थिति में कांग्रेस का हाथ थाम लिया। हाल ही में 3 निर्दलीय विधायकों ने राज्य में बीजेपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और कांग्रेस को बाहर से समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले ये घटनाक्रम बीजेपी को बेहद परेशान करने वाले साबित हो सकते हैं।
राज्य में बीजेपी की परेशानी इसलिए भी बढ़ी है कि उसकी सरकार हाल ही में विधानसभा में अल्पमत में आ गई है। मंगलवार को तीन निर्दलीयों ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को बाहर से समर्थन दे दिया है। हाल ही में दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद से इन्हीं निर्दलीयों के समर्थन से बीजेपी सरकार चल रही थी।
इन निर्दलीय विधायकों ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए महंगाई बढ़ने और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। विपक्षी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। उदय भान ने कहा, 'नायब सिंह सैनी सरकार अब अल्पमत में आ गई है। सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उन्हें एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है। अब विधानसभा चुनाव तुरंत होने चाहिए।'
भाजपा के पास वर्तमान में विधानसभा में 40 विधायक हैं, जो अब 88 सदस्यीय सदन में बहुमत के आंकड़े 45 से दूर है। भाजपा सरकार के पास अब 43 विधायकों (निर्दलीय सहित) का समर्थन है। हालाँकि उसने मंगलवार को दावा किया कि जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी के चार विधायक भी 'जरूरत पड़ने पर सरकार को सहायता' की पेशकश कर सकते हैं, जिससे उसकी ताकत 47 हो जाएगी।
जेजेपी मार्च में बीजेपी गठबंधन सरकार से बाहर हो गई थी। जेजेपी के 10 विधायक हैं। सदन में कांग्रेस के 30 विधायक हैं। तीन निर्दलियों के समर्थन से उसकी संख्या 33 हो गई है।
इन्हीं घटनाक्रमों के बीच कुरुक्षेत्र से दो बार की पूर्व सांसद कैलाशो सैनी ने बीजेपी छोड़ दी। उन्होंने घोषणा की कि वह लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र में इंडिया गठबंधन समर्थित आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील गुप्ता के लिए प्रचार करेंगी।
कैलाशो को कुरूक्षेत्र जिले में प्रमुख ओबीसी नेता माना जाता है। कैलाशो सैनी 1998 और 1999 में हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) और इंडियन नेशनल लोक दल के टिकट पर कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनी गई थीं। कैलाशो सैनी कुरूक्षेत्र में जिला परिषद की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस में शामिल होने के बाद कैलाशो ने कहा, 'मैं भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हुई। राज्य में हुड्डा ने 10 साल के शासन के दौरान समाज के हर वर्ग का सम्मान किया। ...कांग्रेस जैसी लोकतांत्रिक पार्टी दुनिया में कहीं नहीं है।'
रिपोर्ट के अनुसार भाजपा छोड़ने का कारण पूछने पर पूर्व सांसद कैलाशो सैनी ने कहा, 'भाजपा में जनता के लिए कोई चिंता नहीं है। संविधान को बदलने की साजिश हो रही है। किसान आंदोलन के दौरान किसानों को लाठियों से पीटा गया।'
यह घटनाक्रम तब घटा है जब बीजेपी के ख़िलाफ़ विपक्ष हमलावर है। तीन निर्दलीय विधायकों के पाला बदलने के बाद दुष्यंत चौटाला ने फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल को ख़त लिख दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार अब अल्पमत में आ गई है इसलिए वह विधानसभा में बहुमत साबित करे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कहा है कि जेजेपी अपने 10 विधायकों को चंडीगढ़ लेकर पहुंचे तो वह राज्यपाल के पास चंडीगढ़ अपने 30 विधायक लेकर पहुंच जाएँगे। कांग्रेस ने कहा है कि राष्ट्रपति शासन लागू करने और प्रदेश में जल्द चुनाव करवाने की मांग की है।
कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।