कर्नाटक के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री उमेश कट्टी ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद राज्य को दो भागों में विभाजित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक बहस ऑनलाइन चल रही है कि अगले चुनाव के बाद देश में 50 से अधिक राज्य बनाए जाएँगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी पहल करेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें महाराष्ट्र को तीन, उत्तर प्रदेश को चार और कर्नाटक को दो राज्यों में विभाजित किया जाएगा।
कट्टी बेलागवी बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उनके इस बयान से कर्नाटक में मौजूदा क्षेत्रीय विभाजन की बहस को फिर से तेज होने के आसार हैं। राज्य के उत्तरी हिस्सों की अधिकांश आबादी और नेता क्षेत्र के लिए बेहतर सुविधाएँ और विकास करने के लिए एक अलग राज्य की मांग समय-समय पर करते रहे हैं।
बहरहाल, कट्टी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'हम सभी को उत्तर कर्नाटक को एक अलग राज्य बनाने के लिए एक आंदोलन करने की ज़रूरत है और इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि नया राज्य अस्तित्व में आएगा। ट्रैफिक और ऐसी ही अन्य समस्याओं के साथ बेंगलुरु एक सैचुरेशन प्वाइंट पर पहुंच गया है।'
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में कई सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य निगम हैं जिनमें उत्तरी कर्नाटक के अनगिनत लोग काम कर रहे हैं।
कट्टी ने कहा कि बेलगावी में सुवर्ण विधान सौदा है, एक उच्च न्यायालय की पीठ है और कित्तूर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव है जो इस क्षेत्र की मदद करेगा। हालाँकि, उत्तरी कर्नाटक भी एक बड़ा हिस्सा है, लेकिन कर्नाटक की अधिकांश राजनीति और इसका ध्यान दक्षिणी जिलों पर बना हुआ है।
उत्तरी और दक्षिणी भागों के बीच क्षेत्रीय असमानता पिछले कुछ दशकों में बढ़ी है। लगातार सरकारों ने बेंगलुरु पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है, जो तेजी से और अनियंत्रित तरीक़े से विस्तारित हुआ है। इस वजह से राज्य के अन्य हिस्सों जैसे- कित्तूर-कर्नाटक और कल्याण-कर्नाटक पिछड़ रहे हैं। कर्नाटक का अधिकांश विकास बेंगलुरु से संचालित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में आधे से अधिक का योगदान देता है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है, 'कलबुर्गी क्षेत्र की प्रति व्यक्ति आय बेंगलुरु क्षेत्र की प्रति व्यक्ति आय के आधे से भी कम है।' कलबुर्गी डिवीजन कल्याण-कर्नाटक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है जबकि बेलगावी डिवीजन कित्तूर-कर्नाटक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है, जो देश के कुछ सबसे पिछड़े जिलों में से हैं।