हालांकि पुलिस अब तक यह तय नहीं कर पाई है कि मंगलवार की रात बेंगलुरू में दंगा कैसे शुरू हुआ, पर कर्नाटक सरकार का मानना है कि यह दंगा सुनियोजित था। राज्य सरकार के मंत्री सी. टी. रवि ने कहा है कि दंगे में संपत्ति का जो नुक़सान हुआ, उसकी कीमत दंगाइयों से वसूली जाएगी।
याद दिला दें कि कांग्रेस के एक विधायक के रिश्तेदार ने फ़ेसबुक पर समुदाय विशेष से जुड़ी आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट की। इसके बाद लोग भारी तादाद में विधायक के घर के बाहर जमा हो गए, तोड़फोड़ की।
स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आँसू गैस के गोल छोड़े और फिर उसने गोलियाँ चलाईं। इसमें तीन लोग मारे गए, 60 से ज़्यादा घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में 110 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है। एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, रवि ने कहा,
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‘दंगा सुनियोजित था। इसमें संपत्ति को नुक़सान पहुँचाने के लिए पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया गया, पथराव किया गया। 300 से ज़्यादा गाड़ियाँ जला दी गईं।’
सी. टी. रवि, मंत्री, कर्नाटक सरकार
राज्य सरकार के मंत्री ने यह भी दावा किया कि वह संदिग्ध दंगाइयों को जानते हैं, पर जाँच के बाद ही इसकी पुष्टि की जा सकेगी।
कर्नाटक के मंत्री रवि ने यह भी कहा कि जिस तरह सीएए आन्दोलन के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने दंगाइयों से नुक़सान की कीमत वसूली थी, कर्नाटक सरकार भी वैसा ही करेगी।
बेंगलुरू के पूर्वी इलाक़े डी. जी. हल्ली और के. जी. हल्ली के दो पुलिस थानों और कांग्रेस विधायक के घर पर तोड़फोड़ की गई। थाना के बेसमेंट में रखी 200 मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया गया। घायल होने वालों में दर्जनों पुलिस कर्मी भी हैं।
मुसलिम समुदाय के लोगों ने पुलिस कमल पंत से मुलाक़ात कर शिकायत की कि फ़ेसबुक पर की गई टिप्पणी पर पुलिस ने तुरन्त कार्रवाई नहीं की।