सोशल मीडिया पर चर्चित कर्नाटक की आईपीएस अफ़सर डी. रूपा का गुरूवार को राज्य सरकार ने तबादला कर दिया। डी. रूपा के अलावा आईपीएस अफ़सर हेमंत निंबालकर का भी तबादला किया गया है।
कुछ वक़्त पहले रूपा और निंबालकर के बीच खासी जुबानी जंग हुई थी। यह जंग निर्भया योजना के तहत बेंगलुरू सेफ सिटी प्रोजेक्ट के लिए जारी 619 करोड़ के तहत दिए जाने वाले टेंडर की प्रक्रिया को लेकर हुई थी। निंबालकर निर्भया टेंडर आमंत्रण और टेंडर स्क्रूटिनी कमेटी के चेयरमैन हैं।
डी. रूपा ने निंबालकर पर टेंडर की प्रक्रिया को लेकर अनियमितताओं का आरोप लगाया था जबकि निंबालकर ने उनके आरोप के जवाब में कहा था कि डी. रूपा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रही थीं। डी. रूपा ने कहा था कि उन्होंने टेंडर से जुड़े कागजात हासिल किए थे और इसमें गंभीर गड़बड़ियां पाई थीं।
डी. रूपा ने कहा था कि भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड ने प्रधानमंत्री कार्यालय से इस बात की शिकायत की थी कि टेंडर में किसी एक विशेष वेंडर को अहमियत दी गई। इसके बाद सरकार ने बेंगुलुरू के पुलिस आयुक्त कमल पंत को आदेश दिया था कि वह इस प्रक्रिया में अवैध दख़ल की जांच करें।
रूपा राज्य की पहली गृह सचिव थीं जबकि निंबालकर बेंगलुरू में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर थे। रूपा को कर्नाटक राज्य हस्तशिल्प विकास निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर भेजा गया है जबकि निंबालकर को आंतरिक सुरक्षा विभाग में भेजा गया है।
नाराज़गी का किया इजहार
तबादला होने के कुछ घंटे बाद डी. रूपा ने ट्वीट कर अपनी नाराज़गी का इजहार किया और यह बताने की कोशिश की उनके और निंबालकर के ट्रांसफ़र को एक पैमाने पर रखकर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि निंबालकर के ख़िलाफ़ सीबीआई चार्जशीट तक दायर कर चुकी है।
डी. रूपा ने एक और ट्वीट कर कहा कि अपने करियर में उन्होंने जितने साल की नौकरी की है, उससे ज़्यादा बार उनका ट्रांसफर हो चुका है। उन्होंने लिखा है कि वह बिना कोई समझौता किए अपना काम जारी रखेंगी और उन्हें पद से कोई फर्क नहीं पड़ता।
डी. रूपा और निंबालकर के तबादले से यह पता चलता है कि राज्य की येदियुरप्पा सरकार इन दोनों अफ़सरों के बीच चली जुबानी जंग को लेकर ख़ुश नहीं है और दोनों का तबादला करके उसने यह बताने की कोशिश है कि ऐसे अफ़सरों पर वह कार्रवाई करेगी। डी. रूपा और निंबालकर के अलावा भी बड़ी संख्या में आईएएस और आईपीएस अफ़सरों का तबादला किया गया है।
कंगना के साथ हुआ था विवाद
पिछले साल दीपावली के दौरान डी. रूपा की सिने अदाकारा कंगना रनौत के साथ भिड़ंत हुई थी। डी. रूपा ने प्रदूषण को देखते हुए पटाखे नहीं जलाने की अपील की थी और इसे लेकर फ़ेसबुक पर पोस्ट लिखी थी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था और कहा था कि सिर्फ़ ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकेंगे।
लेकिन डी. रूपा की पोस्ट के बाद ट्विटर पर कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल किया था तो कंगना रनौत भी इस मामले में कूद पड़ी थीं। कंगना ने ट्वीट कर डी. रूपा को निशाने पर लिया था और कहा था कि कहा कि इस अफ़सर को निलंबित कर दिया जाना चाहिए और ऐसे पुलिस कर्मी पुलिस बल के नाम पर कलंक हैं।