सिद्धरमैया के खिलाफ आंदोलन पर कर्नाटक भाजपा में सिरफुटव्वल क्यों?
कर्नाटक बीजेपी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज किया तो भाजपा के वरिष्ठ नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और रमेश जारकीहोली ने खुले तौर पर पार्टी पर आरोप लगाया कि वो एक कांग्रेस नेता के इशारे पर यह आंदोलन कर रही है।
भाजपा नेता यतनाल, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा और उनके बेटे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के मुखर आलोचक हैं। अब उन्होंने आरोप लगाया कि विजयेंद्र दरअसल उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के इशारे पर सीएम सिद्धरमैया के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और पूरी पार्टी को शिवकुमार के कहने पर सिद्धरमैया के खिलाफ खड़ा कर दिया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भाजपा नेता यतनाल ने कहा कि “अब विजयेंद्र कथित MUDA घोटाले के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। उन्हें यह बताना होगा कि क्या वे सिद्धारमैया की जगह डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। विजयेंद्र डीके के आदेश पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ताकि सिद्धारमैया मजबूर होकर सीएम पद छोड़ दें। भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र की यह पदयात्रा (मार्च) डीके शिवकुमार की राजनीति का हिस्सा है।”
भाजपा नेताओं यतनाल और जारकीहोली के आरोप अपनी ही पार्टी के खिलाफ ऐसे समय आए हैं जब कर्नाटक भाजपा बेंगलुरु से मैसूरु तक 140 किमी पैदल मार्च की योजना बना रही है। बेंगलुरु में उसके कई विरोध प्रदर्शन सिद्धरमैया के खिलाफ हो चुके हैं।
भाजपा और जेडीएस कर्नाटक के वाल्मिकी विकास बोर्ड में धन के कथित दुरुपयोग और मैसूरु से 14 भूखंडों की खरीद को लेकर सिद्धारमैया के खिलाफ आंदोलन छेड़कर उन पर दबाव बनाना जारी रखे हुए हैं। शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) के प्लॉटों की कीमत तीन साल पहले कई करोड़ थी।
भाजपा नेता यतनाल ने सीनियर भाजपा नेता और पूर्व सीएम येदियुरप्पा के रिश्तेदारों पर MUDA से लाभ उठाने और आवंटन छुपाने का भी आरोप लगाया है।
दिल्ली तलब
सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक के हालात का जायजा लेने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया और शिवकुमार को मंगलवार को दिल्ली बुलाया था। हालांकि माना जाता है कि शिवकुमार की नजर मुख्यमंत्री पद पर है, लेकिन कम से कम सार्वजनिक रूप से उन्होंने आरोपों को निराधार बताते हुए सीएम का समर्थन किया है और बदले में आरोप लगाया है कि भाजपा के कार्यकाल के दौरान बड़े घोटाले हुए हैं।भाजपा में गुटबाजी बढ़ी
कर्नाटक में भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी गुटबाजी का सामना करना पड़ा था। के.एस.ईश्वरप्पा, डी.वी.सदानंद गौड़ा, यतनाल और कई अन्य लोगों ने राज्य में पार्टी पर येदियुरप्पा और उनके परिवार की मजबूत पकड़ पर सवाल उठाए थे। कर्नाटक विधानमंडल के हाल ही में समाप्त हुए सत्र के दौरान भी, भाजपा नेताओं ने पार्टी के राज्य नेतृत्व पर कांग्रेस के साथ "समझौता" करने और सदन के पटल पर सिद्धारमैया के खिलाफ उसके विरोध को कमजोर करने का आरोप लगाया।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा- “हम और अधिक विरोध करना चाहते हैं, लेकिन हमारे विपक्ष के नेता (आर. अशोक) और प्रदेश अध्यक्ष (विजयेंद्र) ने सिद्धारमैया के साथ समझौता कर रखा है। हर बार जब हम विरोध प्रदर्शन तेज करते हैं, तो हमारे नेता हमसे बाहर निकलने के लिए कहते हैं। हम (भाजपा) पर जनता 'एडजस्ट करने की राजनीति' का आरोप लगा सकती है।''