भारत के चोटी के पत्रकारों के टेलीफ़ोन को टैप किया गया था और उनकी जासूसी की गई थी। यह जासूसी पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए की गई है।
'द वायर' ने एक ख़बर में कहा है कि लीक हुए एक दस्तावेज में देश के 40 बड़े पत्रकारों के नाम शामिल हैं, जिन पर निगरानी रखी गई है। इनमें से कुछ की जासूसी की गई है और उनके टेलीफ़ोन भी टैप किए गए हैं।
निष्पक्ष व स्वतंत्र एजेंसी ने 10 टेलीफ़ोन नंबरों की डिजिटल फ़ोरेंसिक टेस्ट कर कहा है कि उनकी जासूसी की गई है या कम से कम जासूसी की कोशिश की गई है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार इन पत्रकारों की जासूसी पेगासस के ज़रिए की गई।
- सिद्धार्थ वरदराजन- द वायर के संस्थापक संपादक
- परंजॉय गुहा ठाकुरता- पत्रकार और लेखक
- एमके वेणु- द वायर के संस्थापक संपादक
- एलिज़ाबेज रोश- मिंट की फोरेन अफ़ेयर्स एडिटर
- संदीप उन्नीथन- इंडिया टुडे के कार्यकारी संपादक
- औरंगजेब नक्शबंदी- हिंदुस्तान टाइम्स के राजनीतिक संवाददाता
- स्वाति चतुर्वेदी- स्वतंत्र पत्रकार
- इफ्तिखार गिलानी- कश्मीर के पत्रकार
- सुशांत सिंह- इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व एसोसिएट डिप्टी एडिटर
- देवीरूपा मित्रा- द वायर की पत्रकार
- प्रेम शंकर झा- पत्रकार और अर्थशास्त्री
- सैकत दत्ता- राष्ट्रीय सुरक्षा कवर करने वाले रिपोर्टर
- प्रशांत झा- हिंदुस्तान टाइम्स के पत्रकार
- स्मिता शर्मा- फोरेन अफ़ेयर्स जर्नलिस्ट, इंडिया अहेड की कंट्रीब्यूटिंग एडिटर
- एसएनएम अब्दी- पत्रकार, लेखक और स्तंभकार
- पारुल मलहोत्रा- पूर्व पत्रकार, राजनीति-आर्थिक सलाहकार
- जसपाल सिंह हेरन- पत्रकार, पंजाब में पहरेदार के संस्थापक
- ऋतिका चोपड़ा- इंडियन एक्सप्रेस की वरिष्ठ एसिस्टेंट एडिटर
- अजित साही- पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक, मानवाधिकार कार्यकर्ता
- मनोरंजन गुप्ता- फ्रंटियर टीवी की प्रधान संपादक
- जे गोपीकृष्णन- द पायनियर के विशेष संवाददाता
- सिद्धांत सिब्बल- WION के मुख्य रक्षा संवाददाता
- संतोष भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार, पूर्व सांसद
- रोहिणी सिंह- द वायर की पत्रकार
- विजेता सिंह, द हिंदू की डेपुटी एडिटर
- दीपक गिदवानी- उत्तर प्रदेश के पत्रकार
- शाबीर हुसेन बुछ- कश्मीर न्यूज़लाइन के संपादक
- मुज़मिल जलील- इंडियन एक्सप्रेस में डेपुटी एडिटर
- शिशिर गुप्ता- हिंदुस्तान टाइम्स के कार्यकारी संपादक
- राहुल सिंह- हिंदुस्तान टाइम्स के रक्षा संवाददाता
- मनोज गुप्ता- इंडिया टुडे के पत्रकार
- भूपिंदर सिंह सज्जन - एएसपी टीवी के संचालक
- रुवा शाह- कश्मीर के स्वतंत्र पत्रकार
फ्रांस की ग़ैरसरकारी संस्था 'फ़ोरबिडेन स्टोरीज़' और 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने लीक हुए दस्तावेज़ का पता लगाया और 'द वायर' और 15 दूसरी समाचार संस्थाओं के साथ साझा किया। इसका नाम रखा गया पेगासस प्रोजेक्ट। 'द गार्जियन', 'वाशिंगटन पोस्ट', 'ला मोंद' ने 10 देशों के 1,571 टेलीफ़ोन नंबरों के मालिकों का पता लगाया और उनकी छानबीन की। उसमें से कुछ की फ़ोरेंसिक जाँच करने से यह निष्कर्ष निकला कि उनके साथ पेगासस स्पाइवेअर का इस्तेमाल किया गया था।