जम्मू-कश्मीर में रोजी-रोटी कमाने गए उत्तर प्रदेश के दो मजदूरों की आतंकियों ने हत्या कर दी है। यह वारदात शोपियां जिले में हुई है। आतंकियों ने सोमवार रात को हरमन इलाके में ग्रेनेड फेंककर इस वारदात को अंजाम दिया।
आतंकियों ने यह ग्रेनेड तब फेंका जब कुछ मजदूर एक टिन शेड में सो रहे थे। मारे गए इन दोनों मजदूरों के नाम राम सागर और मनीष कुमार हैं और वे उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले थे। इस ग्रेनेड हमले में दो मजदूर घायल भी हो गए हैं।
शोपियां जिले में ही शनिवार को आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने बताया कि ग्रेनेड फेंकने वाले दोनों आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने कहा है कि इस वारदात को हाइब्रिड आतंकियों ने अंजाम दिया है। हाइब्रिड आतंकी वे होते हैं जो आतंकी हमलों को अंजाम देते हैं और फिर से वापस आम लोगों के बीच शामिल हो जाते हैं।
कश्मीर दौरे पर आए थे शाह
कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर के दौरे पर आए थे और उन्होंने कश्मीर में लोगों को संबोधित किया था। शाह के कश्मीर दौरे से ठीक पहले उधमपुर में 8 घंटे के भीतर दो बम धमाके हुए थे। धमाके के बाद स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन कर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए थे।
आतंकियों ने एक बार फिर कश्मीरी पंडितों और रोजी-रोटी कमाने के लिए वहां पहुंचे बाहरी लोगों की हत्या करनी शुरू कर दी है और ऐसी घटनाएं तब तेज हो रही हैं जब राज्य के अंदर कुछ ही महीनों के भीतर विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। हत्या की वारदातों के बाद घाटी में काम कर रहे कश्मीरी पंडितों ने उन्हें सुरक्षित इलाकों में भेजे जाने की मांग की थी।
कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन
शनिवार को कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद एक बार फिर जम्मू में इस समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने कश्मीर में रह रहे लोगों को वहां से जम्मू शिफ्ट करने की मांग की। दहशत के माहौल के चलते ही पिछले 5 महीनों से 6000 कश्मीरी पंडित अपने दफ्तरों में नहीं जा सके हैं। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि उन्हें यहां से हटाकर जम्मू में ट्रांसफर किया जाए लेकिन सरकार इसके लिए कुछ नहीं कर रही है।
लगातार हो रही टारगेट किलिंग
शोपियां जिले में कुछ महीने पहले सेब के एक बाग में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक की पहचान सुनील कुमार के रूप में हुई थी।
आतंकियों ने 11 अगस्त की रात को बांदीपोरा में एक प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। प्रवासी मजदूर मोहम्मद अमरेज बिहार के मधेपुरा का रहने वाला था। आतंकियों ने अमरेज को बांदीपोरा के अजास इलाक़े में गोली मारी थी। इससे पहले राजौरी में आतंकियों ने सेना के शिविर पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी भी मारे गए थे।
कुछ महीने पहले पुलवामा में एक आतंकी हमले के दौरान बिहार के एक प्रवासी मजदूर मोहम्मद मुमताज की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे। घायल मजदूर मोहम्मद आरिफ और मोहम्मद मकबूल भी बिहार के ही थे।
जून में बडगाम के चढूरा गांव में आतंकियों ने दो मजदूरों को गोली मार दी थी। इसके अलावा कुलगाम में एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की आतंकियों ने बैंक में घुसकर हत्या कर दी थी। विजय कुमार राजस्थान के रहने वाले थे। 31 मई को कुलगाम के सरकारी स्कूल में टीचर रजनीबाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बिहार के मज़दूर दिलखुश कुमार और बडगाम जिले की सोशल मीडिया पर सक्रिय कलाकार अमरीन भट्ट की भी आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पिछले साल अक्टूबर में पांच दिनों में सात नागरिक मारे गए थे जिनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और दो प्रवासी हिंदू भी शामिल थे।