प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू की प्रस्तावित यात्रा से दो दिन पहले सेना की एक छावनी के पास आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई है। इसमें दो आतंकवादी मारे गए हैं। कार्रवाई के दौरान एक जवान शहीद हो गए हैं जबकि 4 अन्य घायल हुए हैं। घायलों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो जवान और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ के दो जवान शामिल हैं। ऐसा तब हुआ है जब प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के मद्देनज़र क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा की गई है। मुठभेड़ के बाद जम्मू के कुछ हिस्सों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यह एनकाउंटर सेना की छावनी के पास ही हुआ है।
मुठभेड़ तब शुरू हुई जब सुरक्षा बलों ने जम्मू शहर के सुंजवां छावनी इलाक़े में तड़के अभियान शुरू किया। पुलिस ने कहा कि उनके पास सूचना थी कि आतंकवादी शहर में हमले की योजना बना रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को सांबा में पहुंच रहे हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल) पर एक सभा को संबोधित करने के लिए जम्मू से 17 किलोमीटर दूर पाली गांव जाएंगे।
अगस्त 2019 में तत्कालीन राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करने और इसके विभाजन के बाद से पीएम मोदी की जम्मू-कश्मीर में यह पहली राजनीतिक यात्रा होगी। हालाँकि उन्होंने 27 अक्टूबर 2019 को राजौरी में और 3 नवंबर 2021 को जम्मू संभाग के नौशेरा सेक्टर में सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई थी और वे राजनीतिक यात्राएँ नहीं थीं।
बहरहाल, मुठभेड़ में सीआईएसएफ़ के सहायक उप निरीक्षक यानी एएसआई एसपी पटेल शहीद हो गए हैं। सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में कठुआ के पुलिस हेड कांस्टेबल बलराज सिंह, अखनूर के एसपीओ साहिल शर्मा, ओडिशा के सीआईएसएफ़ के प्रमोद पात्रा और असम के आमिर सोरन घायल हो गए।
जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने सुबह कहा था कि कुछ आतंकवादियों के यहां छिपे होने की सूचना मिलने के बाद रात में इलाक़े की घेराबंदी की गई। मुठभेड़ में एक सुरक्षाकर्मी की जान चली गई और चार अन्य घायल हो गए।
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि सुंजवां इलाक़े में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों के होने की आशंका है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान शुरू किया।
बता दें कि सुंजवां सेना छावनी को फरवरी 2018 में आतंकवादियों ने निशाना बनाया था जिसमें कई लोग मारे गए थे। कश्मीर घाटी में पिछले एक महीने से आतंकी घटनाओं में तेजी आई है। लक्षित हमलों में चार पंचायत सदस्य मारे गए हैं और कई प्रवासी श्रमिक घायल हुए हैं।
एक दिन पहले ही बारामूला जिले में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष कमांडर समेत तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया था।