लगभग पाँच सौ भारतीय अभी भी अफ़ग़ानिस्तान में फँसे हुए हैं। उन्हें लाने के लिए भारतीय वायु सेना का विशेष परिवहन विमान सी-17 ग्लोब मास्टर क़ाबुल भेजा गया है।
भारत ने एअर इंडिया के विशेष उड़ान से रविवार को अपने ज़्यादातर बचे-खुचे लोगों को निकाल लिया। एक विमान वहाँ रखा गया ताकि अगले दिन यानी सोमवार को बचे हुए लोगों को निकाला जा सके।
लेकिन काबुल हवाई अड्डे पर जिस तरह की अफरातफरी मची, उसके बीच एअर इंडिया के विमान के लिए वहाँ से उड़ान भरना मुमकिन नहीं हो सका।
क्यों हैं फँसे हुए?
जो भारतीय काबुल हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं, उनमें विदेश सेवा के कर्मचारी और सुरक्षा बल के लोग व उनके परिजन हैं।
इंडो टिबेटन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के सौ से ज़्यादा जवान व अफ़सर वहाँ विमान का इंतजार कर रहे हैं। ये वे लोग हैं, जिन्हें भारत से जुड़े दफ़्तरों व दूसरे ठिकानों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। वे अब तक अपनी ड्यूटी पर थे और उन्हें वहां से निकालने की कोशिश की जा रही है।
इसके अलावा भारतीय दूतावास के लोग भी वहां हैं।
सवाल यह उठता है कि जब अफ़ग़ानिस्तान में बीते एक हफ़्ते से संकट चल रहा था और भारत ने उसके भी पहले मज़ार-ए-शरीफ़ का वाणिज्य दूतावास बंद कर दिया था, उस समय से अब तक क्यों नहीं इन लोगों को निकाला गया?
हवाई अड्डे पर अफरातफरी
बता दें कि सोमवार की सुबह हज़ारों अफ़ग़ान हवाई अड्डा परिसर में दाखिल हो गए। वे किसी भी हालत में किसी भी जहाज पर सवार होकर अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकलना चाहते थे।
उस समय तक हवाई अड्डे को नागरिक उड़ान के लिए बंद कर दिया गया था और अमेरिकी वायु सेना ने कमान संभाल ली थी ताकि वह अमेरिकियों को वहां से निकाल सके।
अफरातफरी का आलम यह था कि हवाई जहाज पर चढ़ने के लिए लगने वाली सीढी पर सैकड़ों लोग चढ़ कर धक्का-मुक्की करने लगे।
अमेरिकी सेना ने लोगों को तितर बितर करने के लिए गोलीबारी कर दी, जिसमें पाँच लोग मारे गए।
कुछ लोग तो अविश्वसीय ढंग से विमान के विंग पर ही चढ़ गए और बाहर किसी तरह लटक गए। विमान उड़ने पर तीन लोग उड़ते विमान से ज़मीन पर नीचे गिर पड़े।
ऐसी स्थिति में एअर इंडिया का विमान उड़ाना नामुमिकन हो गया।