रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एक बार फिर रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। बैंक ने इसे 4% पर ही रखा है और यह लगातार दसवीं बार है जब रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। इसके अलावा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी यानी एमएसएफ और बैंक रेट में भी बदलाव नहीं किया गया है।
रिवर्स रेपो रेट में भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और यह 3.35 फीसद पर बना हुआ है। शक्तिकांत दास ने अपने भाषण में कहा कि आईएमएफ के अनुमानों के मुताबिक भारत साल दर साल तेज गति से विकास कर रहा है।
दास ने कहा कि अगले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी की विकास दर 7.8 फीसद पर रहेगी। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में जीडीपी 9.2 फीसद रहेगी और यह अर्थव्यवस्था को कोरोनावायरस से पहले वाले दौर से भी आगे ले जाएगी।
बता दें कि आरबीआई जिस रेट पर दूसरे बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट कम होने का मतलब यह है कि बैंक से मिलने वाले सभी तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे।