अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या लगभग एक प्रतिशत है, लेकिन राजनीति और समाज में उनके महत्व को इससे समझा जा सकता है कि अगली सरकार में भारतीय मूल के 20 लोग ऊँचे पदों पर होंगे, उन्हें अहम ज़िम्मेदारियाँ दी गई हैं।
ह्वाइट हाउस में भारतीय मूल के 17 लोग
राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय मूल के 20 लोगों को या तो आधिकारिक तौर पर नामित कर दिया है या उनके नामों का एलान कर दिया है। इनमें से 13 महिलाएं हैं। प्रशासन के उच्च पदों पर आसीन होने वाले इन लोगों में 17 ह्वाइट हाउस में अहम भूमिका निभाएंगे। जो बाइडन ने राष्ट्रपति और भारतीय मूल की कमला हैरिस ने उप राष्ट्रपति का पद 20 जनवरी को संभाल लिया।
कमला हैरिस अमेरिका की पहली महिला उप राष्ट्रपति तो हैं ही, वे पहली अश्वेत, पहली एशियाई मूल की और पहली भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हैं, जो इस पद तक पहुँची हैं।
विवेक मूर्ति, नीरा टंडन
राष्ट्रपति निर्वाचित जो बाइडन ने अपने प्रशासन के लिए भारतीय मूल के जिन 20 लोगों को नामित किया है, उनमें सबसे ऊपर नीरा टंडन का नाम है। वे ह्वाइट हाउस बजट व प्रबंधन विभाग की निदेशक होंगी। उनके बाद नाम है डॉक्टर विवेक मूर्ति का जो अमेरिका के सर्जन जनरल होंगे। विधि विभाग में एसोसिएट अटॉर्नी जनरल के पद के लिए वणिता गुप्ता को नामित किया गया है।
नागरिक सुरक्षा, लोकतंत्र व मानवाधिकार विभाग की अंडर सेक्रेटरी पद उज़रा ज़या संभालेंगी। विदेश मंत्रालय की नौकरी छोड़ने वाली उज़रा ज़या ने ट्रंप प्रशासन पर नस्लवाद के गंभीर आरोप लगाए थे।
माला अडिगा को प्रथम महिला यानी राष्ट्रपति की पत्नी जिल बाइडन का नीति निदेशक, गरिमा वर्मा को प्रथम महिला का डिजिटल डाइरेक्टर और सबरीना सिंह को उप प्रेस सचिव बनाया जाएगा।
इन भारतीय मूल के लोगों में दो कश्मीरी भी हैं। आइशा शाह ह्वाइट हाउस डिजिटल स्ट्रैटजी की पार्टनरशिप मैनेजर बनाई गई हैं तो समीरा फ़ज़ीली यूएस नेशनल इकोनॉमिक कौंसिल की डिप्टी डाइरेक्टर का काम संभालेंगी।
पाकिस्तान, बांग्लादेश मूल के लोग
जो बाइडन प्रशासन में भारत के अलावा पाकिस्तान और श्रीलंका मूल के लोगों की भी भागेदारी है। पाकिस्तानी मूल के अली ज़ैदी उप राष्ट्रीय पर्यावरण सलाहकार होंगे, बांग्लादेश के ज़ायन सिद्दीक़ी ह्वाइट हाउस डिप्टी चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ के वरिष्ठ सलाहकार और श्री लंका की रोहिणी कोसुग्लू घरेलू नीति सलाहकार होंगे।
अमेरिकी प्रशान में भारतीय मूल के लोगों की भागेदारी पहले भी रही है, पर इस बार बड़ी संख्या में इन लोगों को और वह भी ज़्यादा ऊँचे पदों पर जगह मिली है।
क्या कहा था बाइडन ने?
जो बाइडन ने 15 अगस्त, 2020, को स्वतंत्रता दिवस समारोह में कहा था, "राष्ट्रपति के रूप में मैं भारतीय-अमेरिकी डायस्पोरा पर निर्भर रहूँगा जैसा मैंने अपने पूरी राजनीतिक जीवन में किया है, मेरा मानना है कि भारतीय डायस्पोरा दोनों देशों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाता है।"
यह कहा जा सकता है कि जो बाइडन ने अपने बात को वास्तविक रूप में कर दिखाया।
इसके अलावा राष्ट्रपति निर्वाचित बाइडन ने एक वीडियो संदेश में कहा था,
“
"मेरे निर्वाचन क्षेत्र डेलावेअर, सीनेट के मेरे स्टाफ़ में भारतीय मूल के अमेरिकी हैं। बराक ओबामा प्रशासन में भारतीय मूल के लोग अब तक सबसे ज़्यादा रहे हैं, मेरी मित्र कमला हैरिस उप राष्ट्रपति बनने वाली भारतीय मूल की पहली महिला होंगी।"
जो बाइडन, राष्ट्रपति, अमेरिका
अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या सिर्फ एक प्रतिशत है, जो कम ही कहा जाएगा। लेकिन वे लोग मोटे तौर पर ज़्यादा पढ़े-लिखे, ऊँची नौकरियों में और अच्छी सामाजिक स्थिति में हैं। उनमें डेमोक्रेट हैं और रिपल्बिकन भी, पर वे सम्मान की नज़र से देखे जाते हैं। बाइडन प्रशासन में उनकी बड़ी मौजूदगी भारतीय मूल के लोगों की जीत के रूप में देखा जा रहा है।
आख़िर डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन की जीत की क्या वजह है?