कोवीशील्ड की क़ीमत कम, अब राज्यों को मिलेगा 300 रुपए में

06:44 pm Apr 28, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

अलग-अलग खरीददारों के लिए अलग-अलग कीमतों पर कई राज्य सरकारों की आलोचना झेलने और इस पर काफी किरकिरी होने के बाद सीरम इंस्टीच्यूट ने अपने कोरोना टीका कोवीशील्ड की कीमत में 100 रुपए की कटौती की है। 

अब यह राज्य सरकारों को 400 रुपए के बदले 300 रुपए में देगी। केंद्र सरकार को यह पहले की तरह 150 रुपए में ही मिलता रहेगा। 

सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ़ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने बुधवार को इसका एलान करते हुए कहा कि लोकोपकार के लिए यह फ़ैसला किया गया है। 

उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'सीरम इंस्टीच्यूट ने लोकोपकार को ध्यान में रख कर यह कदम उठाया है। मैं कोवीशील्ड की कीमत में 100 रुपए कटौती कर 400 रुपए से 300 रुपए करने का एलान करता हूं, यह अभी इसी वक़्त लागू हो जाएगा। इससे सरकार के हज़ारों करोड़ रुपए बचेंगे।' 

लोकोपकार?

बता दें कि पहले कंपनी ने कोवीशील्ड केंद्र सरकार को 150 रुपए, राज्य सरकार को 400 रुपए और निजी क्षेत्र को 600 रुपए में बेचने का एलान किया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर सीरम इंस्टीच्यूट की आलोचना करते हुए अदार पूनावाला को अपने पहले के बयान की याद दिलायी थी। केजरीवाल ने यह भी कहा था कि यह समय मुनाफ़ाखोरी का नहीं है। 

इसके दबाव में आकर ही कंपनी ने राज्यों को 300 रुपए में कोवीशील्ड देने का एलान किया है। 

यदि 150 रुपए पर कोवीशील्ड बेचने पर भी कंपनी को मुनाफ़ा हो रहा है तो उसी उत्पाद को 300 रुपए में बेचना लोकोपकार कैसे हो सकता है, मुनाफ़ाखोरी क्यों नहीं, यह सवाल तो उठता ही है।

कीमत पर विवाद

कोवीशील्ड की कीमत पर विवाद पहले भी हो चुका है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने दो दिन पहले ही ट्वीट कर दावा किया था कि कोरोना की कीमत भारत में 400 रुपए है, लेकिन कंपनी वही दवा अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका उससे कम कीमत पर दे रही है। 

प्रधानमंत्री ने 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना टीका देने का एलान तो कर दिया है, लेकिन वे राज्यों को इसके लिए पूरा वैक्सीन नहीं दे रहे हैं। यह इससे साफ होता है कि सीरम इंस्टीच्यूट और भारत बायोटेक दोनो ही कंपनियों से कहा गया है कि वे आधा उत्पाद केंद्र को दें और आधे में राज्य सरकारों व निजी अस्पतालों को बेचें। यानी केंद्र सरकार से टीका मिलने के बाद भी राज्यों को टीका खरीदना होगा। 

1 मई से 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को कोरोना टीका देने का कार्यक्रम शुरू तो हो रहा है, पर राज्यों के पास उतने टीके नहीं हैं। सीरम इंस्टीच्यूट और भारत बायोटेक ने साफ कह दिया है कि वे सभी राज्यों को फिलहाल पूरी वैक्सीन नहीं दे सकतीं।