कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते चार महीने से दिल्ली के बॉर्डर्स पर आन्दोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को भारत बंद बुलाया है। सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक यानी 12 घंटे का यह भारत बंद रखा गया है, जिसमें हर तरह की गतिविधियाँ रोकने की अपील की गई है। इसके तहत सिर्फ चक्का जाम ही नहीं होगा, बल्कि रेल, हवाई जहाज, स्कूल-कॉलेज, दफ्तर सब कुछ बंद रखने को कहा गया है।
भारत बंद के इस आह्वान के मद्देनज़र पंजाब और हरियाणा में किसान ज़्यादा सक्रिय हैं और सड़कों पर उतर आए हैं। सिंघु, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर भी किसानों का जोश हाई है।
याद दिला दें कि पहले लोकसभा और उसके बाद राज्यसभा में भारी शोऱ शराबे के बीच तीन कृषि क़ानून पारित किए गए थे। ये हैं- फ़ार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, फ़ार्मर्स (इम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फ़ार्म सर्विस एक्ट और एसेंशियल कमोडिटिज़ (अमेंडमेंट) एक्ट।
आन्दोलन के चार महीने
किसानों ने इसका विरोध किया और 26 नवंबर को दिल्ली से सटी हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सीमा पर धरने पर बैठ गए। उनकी तादात बढ़ती गई और अब भी हज़ारों की तादाद में किसान वहाँ बैठे हुए हैं। उनके आन्दोलन के चार महीने हो गए।
इस बीच सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हुई। किसान तीनों ही कृषि क़ानूनों को रद्द करने की माँग पर अड़े हुए हैं और उनका कहना है कि वे इससे कम किसी बात पर राज़ी नहीं होंगे। दूसरी ओर केंद्र सरकार का कहना है कि वह किसानों की बात सुनने और उसके अनुसार ज़रूरत पड़ने पर इन क़ानूनों में संशोधन करने को तैयार है। पर क़ानून वापस किसी सूरत में नहीं लिए जाएँगे। इस पर जिच बरक़रार है।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा,
“
"हम देश के लोगों से अपील करते हैं कि वे भारत बंद को कामयाब बनाएं और अपने अन्नदाताओं का मान रखें।"
दर्शन पाल, नेता, संयुक्त किसान मोर्चा
कितना असर?
इस भारत बंद के दौरान एम्बुलेंस व अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद करने की योजना है। दिल्ली की जिन सीमाओं पर किसानों के धरने चल रहे हैं, वे सड़के पहले से बंद हैं। जो वैकल्पिक रास्ते खुले हैं, वे भी सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंद रहेंगे।
व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ़ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज ने कहा है कि वे किसानों की माँगों का समर्थन करते हैं, पर एक दिन दुकानें बंद रखने से किसी समस्या का समाधान नहीं होगा। लिहाज़ा ज़्यादातर दुकानदार दुकानें खोले रखेंगे।
दिल्ली के बाज़ार खुले रहेंगे?
'आज तक' का कहना है कि भारत बंद के दौरान दिल्ली में चाँदनी चौक, सदर बाजार, खारी बावली, नया बाजार, चावड़ी बाजार, कश्मीरी गेट, करोल बाग, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर, सरोजनी नगर, लक्ष्मी नगर, गांधीनगर, कमला नगर, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, रोहिणी, पीतमपुरा आदि सभी प्रमुख बाजारों समेत दिल्ली के तमाम छोटे-बड़े बाजार खुले रहेंगे।
इसके साथ ही 28 औद्योगिक क्षेत्रों में सभी फैक्ट्रियां भी खुली रहेंगी। इसके पहले 26 फरवरी को जीएसटी प्रावधानों के विरोध में व्यापार बंद रखा गया था, लेकिन उस दिन भी दिल्ली के सभी बाज़ार खुले थे।