सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी स्थायी संसदीय समिति के प्रमुख शशि थरूर के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार उल्लंघन का नोटिस दिया गया है।
बीजेपी के निशिकांत दुबे ने तिरुवनंतपुरम के इस कांग्रेसी सांसद पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए यह नोटिस दिया है।
दुबे ने बुधवार को विशेषाधिकार उल्लंघन का नोटिस देते हुए कहा है कि वे अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं, भेदभाव कर रहे हैं, लिहाज़ा उन्हें संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया जाना चाहिए। लोकसभा स्पीकर को दिए गए नोटिस में बीजेपी सांसद ने कहा,
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यह कहने की ज़रूरत नहीं कि इस सज्जन ने न सिर्फ़ संसदीय समिति के लोकतांत्रिक कामकाज का चीरहरण किया है, बल्कि उसकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को धीरे-धीरे टुकड़े-टुकड़े कर दिया है।
निशिकांत दुबे, सांसद, बीजेपी
क्या कहना है बीजेपी का?
निशिकांत दुबे ने कहा है कि "आईटी पर बनी स्थायी समिति के इस अध्यक्ष ने अपने राजनीतिक आकाओं की चापलूसी की है और अपने लोगों को सदन में शोर-शराबा करने दिया है।"
निशिकांत दुबे ने इसके साथ ही यह भी कहा कि जब तक थरूर को पद से नहीं हटाया जाता, वे समिति की बैठक में भाग नहीं लेंगे।
इसके एक दिन पहले यानी मंगलवार को ही बीजेपी के सदस्यों ने शशि थरूर की बुलाई समिति की बैठक का बहिष्कार किया।
नोटिस के पीछे क्या है?
निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार उल्लंघन का नोटिस उस दिन दिया है जब पेगासस जासूसी के मुद्दे पर आईटी पर बनी संसदीय समिति की बैठक होने वाली है। शशि थरूर ने कहा है कि वे इस बैठक में पेगासस जासूसी के मुद्दे पर पूछताछ करेंगे।
इस समिति में 32 सदस्य हैं।
इसके पहले जब फ़ेसबुक के मुद्दे पर शशि थरूर ने इस समिति की बैठक बुलाई थी तो निशिकांत दुबे ने विरोध किया था।