'नॉन बायोलॉजिकल' से इंसान कैसे बन गए पीएम मोदी?

05:34 pm Jan 10, 2025 | सत्य ब्यूरो

प्रधानमंत्री मोदी 'भगवान' हैं या इंसान? प्रधानमंत्री मोदी खुद ही इस पर काफ़ी ज़्यादा भ्रमित हैं? या वह लोगों को भ्रमित कर रहे हैं? कभी खुद को नॉन बायोलॉजिकल बुलाते हैं तो कभी कहते हैं कि 'मैं इंसान हूँ, भगवान नहीं हूँ।' 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने खुद को नॉन बायोलॉजिकल बताया था, लेकिन चुनाव जीतकर आने के बाद अब वह कह रहे हैं कि 'कभी-कभी ग़लतियाँ हो जाती हैं, मैं भी इंसान हूँ भगवान नहीं हूँ'।

प्रधानमंत्री मोदी के इस ताज़ा बयान की अब लोकसभा चुनाव से पहले दिए गए उनके उस बयान से तुलना की जा रही है जिसमें उन्होंने खुद को नॉन बायोलॉजिकल बताया था। कांग्रेस ने भी अब पीएम के दोनों बयानों को लेकर उनपर तंज कसा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'यह बात वह व्यक्ति बोल रहे हैं जिन्होंने आठ महीने पहले ही ख़ुद को परमात्मा का स्वयंभू अवतार घोषित किया था। यह स्पष्ट रूप से डैमेज कंट्रोल है।'

कांग्रेस नेता ने जो पुरानी वीडियो क्लिप साझा की है वह लोकसभा चुनाव से पहले की है। तब पीएम मोदी चुनाव प्रचार अभियान पर थे और इसी क्रम में वह एक के बाद एक टीवी चैनलों को इंटरव्यू दे रहे थे। उस इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा था, 'पहले जब तक माँ ज़िंदा थी तब तक मुझे लगता था कि शायद बायोलॉजिकली जन्म दिया गया है, माँ के जाने के बाद मैं इन सारे अनुभवों को जोड़ कर देखता हूँ तो मैं कंविंस हो चुका हूँ..., ग़लत हो सकता हूँ, लेफ्टिस्ट लोग तो मेरी धज्जियाँ उड़ा देंगे, मेरे बाल नोच लेंगे..., मैं कंविंस हो चुका हूँ कि परमात्मा ने मुझे भेजा है। वो ऊर्जा बायोलॉजिकल शरीर से नहीं मिली। ...ईश्वर ने मुझसे कुछ काम लेना है। ईश्वर ने स्वयं ने मुझे किसी काम के लिए भेजा है।'

तब पीएम मोदी ने आगे कहा था, 'परमात्मा ने भारत भूमि को चुना। परमात्मा ने मुझे चुना। और एक प्रकार से... सारे बंधनों से विरक्त होकर, हर काम को परमात्मा की पूजा समझकर करता हूँ।'

पीएम मोदी के इस बयान के बाद काफी हंगामा मचा। विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाया और हर मुद्दे पर पीएम मोदी को नॉन बायोलॉजिकल कहकर तंज कसा जाने लगा। जयराम रमेश, पवन खेड़ा जैसे नेताओं ने पीएम मोदी के नाम की जगह नॉन बायोलॉजकल कहकर ही तंज कसते रहे। 

इस बीच लोकसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी की अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे। बीजेपी ने एनडीए के लिए 400 पार का नारा दिया था और उसका मानना था कि बीजेपी अकेले 350 से ज़्यादा सीटें लाएगी। हालाँकि ऐसा नहीं हुआ।

बीजेपी अपने बूते पर सरकार बनाने की स्थिति में भी नहीं रही। बीजेपी एनडीए के दम पर बहुमत का आँकड़ा छू सकी। जिस यूपी को बीजेपी हिंदुत्व की प्रयोगशाला के तौर पर इस्तेमाल करती रही वहाँ बीजेपी की हालत ख़राब हो गई। समाजवादी पार्टी से वह काफ़ी पीछे रह गई। महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बीजेपी काफी पिछड़ गई। कई राज्यों में बीजेपी की स्थिति ठीक नहीं रही। ऐसा लगा मानो बीजेपी का क़िला दरक गया हो। 

आरएसएस और मोहन भागवत तक के ऐसे बयान आए जैसे लगा कि पीएम मोदी के हाल के बयानों से वे खुश नहीं हैं। चुनाव नतीजों के कुछ महीनों बाद ही जुलाई महीने में मोहन भागवत ने कह दिया, "मानव होने के बाद कुछ लोग सुपरमैन बनना चाहते हैं, फिर वे ‘देवता’ और फिर ‘भगवान’ और फिर ‘विश्वरूप’ बनना चाहते हैं...।" 

भागवत ने कहा था कि मनुष्य आजकल अलौकिक बनना चाहता है, लेकिन वहाँ भी रुकता नहीं है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में मोहन भागवत ने कहा था, 'कुछ लोग मनुष्य से अति मानव, जिसे सुपरमैन कहा जाता है, बनना चाहते हैं। जिनके पास अलौकिक शक्तियाँ होती हैं। तो फिर मनुष्य अलौकिक बनना चाहता है। सुपरमैन बनना चाहता है। अति मानव बनना चाहता है। लेकिन वहाँ रुकता नहीं। उसको लगता है कि देव बनना चाहिए। वह देवता बनना चाहता है। लेकिन देवता कहते हैं कि हमसे तो भगवान बड़ा है। तो भगवान बनना चाहता है। और भगवान कहता है कि मैं तो विश्वरूप हूँ। ...बिना आकार का रूप है। वह असीम है। वहाँ भी रुकने की जगह है क्या, कि वहाँ से भी आगे कुछ है, ये कोई जानता नहीं।'

हालाँकि, इस बयान के साथ भागवत ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन विपक्षी नेता से लेकर सोशल मीडिया यूज़रों ने भागवत के बयान को पीएम मोदी के नॉन बायोलॉजिकल वाले बयान से जोड़ दिया।

सोशल मीडिया पर संकेतों में कहा गया कि क्या मोहन भागवत ने पीएम मोदी की ट्रोलिंग की है? कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तो सीधे-सीधे आरोप लगाया कि मोहन भागवत ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'मुझे यक़ीन है कि स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को इस ताज़ा अग्नि मिसाइल की ख़बर मिल गई होगी, जिसे नागपुर ने झारखंड से लोक कल्याण मार्ग को निशाना बनाकर दागा है।'

बहरहाल, अब पीएम मोदी का भगवान को लेकर ताज़ा बयान आया है। वह पहली बार किसी पोडकास्ट में आए। पीएम मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'ग़लतियाँ होती हैं। मुझसे भी होती हैं। मैं भी मनु्ष्य हूँ, मैं कोई देवता थोड़ी हूँ।' उनके इस बयान से सवाल उठता है कि पीएम मोदी ने यह बयान क्यों दिया? क्या वह डैमेज कंट्रोल कर रहे हैं? क्या उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी इमेज नॉन बायोलॉजिकल की बनाई थी और चुनाव हारते ही उनका घमंड चूर हो गया है? एक सवाल तो यही है कि क्या खुद को नॉन बायोलॉजिकल कहना उनकी ग़लती थी जिसे अब वह सुधार रहे हैं?