मान गए पासवान,  5 लोकसभा और एक राज्यसभा सीट पर राज़ी

07:35 pm Dec 21, 2018 | यूसुफ़ अंसारी - सत्य हिन्दी

भारतीय जनता पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी के बीच चल रहा गतिरोध खत्म गया है। रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी एनडीए का हिस्सा बनी रहेगी। गतिरोध दूर करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ रामविलास पासवान ख़ेमे ने यह संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि अरुण जेटली ने नोटबंदी के फ़ायदे और किसानों के लिए गए मोदी सरकार के कामों का ब्यौरा देकर पासवान बाप बेटों को एनडीए में बने रहने के लिए राज़ी कर लिया है। 

शुक्रवार दोपहर को वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ रामविलास पासवान और उनके सांसद बेटे और पार्टी में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान की लंबी बातचीत हुई। इस बैठक में अरुण जेटली ने चिराग पासवान की लिखी चिट्ठी के जवाब में पूरा ब्यौरा दिया। जेटली से हुई इस लंबी मुलाकात के बाद पासवान बाप-बेटे के तेवर नरम पड़ गए है। 

जदयू के नेता नीतीश कुमार रामविलास पासवान को साथ लेकर चलना चाहते हैं।

नीतीश फ़ैक्टर

सूत्रों के मुताबिक़, अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी एलजेपी को लोकसभा की 5 सीटें देगी। रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजने के लिए भी वह राज़ी हो गई है। इसे पहले एलजेपी 6 सीटें और एक राज्य सभा की सीट मांग रही थी।इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री और  राज्य में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार भी दिल्ली पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि शनिवार को बीजेपी की अपने सहयोगी दलों जेडीयू और एलजेपी के नेताओं के साथ बैठक होगी। इसी बैठक में तीनों के बीच सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगेगी। इस बैठक के बाद बीजेपी मुख्यालय में बिहार में सीटों के बंटवारे का एलान हो सकता है। 

समझा जाता है कि उपेंद्र कुशवाहा का साथ छूटने के बाद बीजेपी के लिए यह ज़रूरी है कि वह पासवान को साथ लेकर चले, क्योंकि इससे दलितोें के बीच अच्छा संकेत जाएगा। ऐसे में पासवान का महत्व बढ़ गया है।

ग़ौरतलब है कि गुरुवार शाम को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के घर पर अमित शाह अरुण जेटली और बीजेपी के बिहार मामलों के प्रभारी महासचिव भूपेंद्र यादव के साथ रामविलास पासवान और चिराग पासवान की बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद उतरे हुए चेहरों के साथ पासवान बाप-बेटे घर गए थे। तब समझा जा रहा था कि गतिरोध कायम है। पासवान खेमे ने तभी संकेत दिए थे कि गतिरोध दूर करने के लिए एक और बैठक हो सकती है।

मुद्दा नोटबंदी का

पासवान खेमे की तरफ़ से कहा गया था कि उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से नोटबंदी से हुए फ़ायदे, किसानों के लिए किए गए काम और बेरोज़गारी दूर करने के लिए उठाया गए क़दमों का ब्यौरा माँगा है। इस पर जेटली ने उन्हें जल्द ही ब्यौरा देने का भरोसा दिया था। 

वहीं, शुक्रवार को अरुण जेटली के साथ रामविलास पासवान और चिराग पासवान की दूसरी मीटिंग हुई, जिसके बाद बताया जा रहा है कि रामविलास पासवान मान गए हैं। शायद अरुण जेटली उन्हें मनाने में कामयाब हो गए हैं। लेकिन, सभी बातें मीडिया के सामने साफ़ नहीं हो पाई है कि आगे एलजेपी का रास्ता क्या होगा।

इस बीच, रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान ने कहा है कि वो कोर कमेटी की बैठक में मैं मौजूद थे। उन्होंने कहा है कि बीजेपी उनकी पार्टी की तरफ़ से जताई गई चिंताएं दूर करने की पूरी कोशिश कर रही है। बीजेपी ने उन्हें पूरी इज्जत दी है। उन्होंने दावा किया कि वह खुद संसद भवन में हुई बैठक में मौजूद थे और कह सकते हैं कि बीजेपी और एलजेपी के बीच अब सब कुछ ठीक-ठाक है।