प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर ज़ोरदार फटकार लगाई है। उन्होंने इसके साथ ही उसे नसीहत और चेतावनी भी दी है कि यह खुद उसके लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की 76वीं बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में करता है। उसकी पीछे ले जाने वाली नीतियों का खामियाजा पूरी दुनिया को भुगतना पड़ता है।
भारतीय प्रधानमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा,
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जो लोग आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक औजार के रूप में करते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि यह उनके लिए भी ख़तरनाक है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
उन्होंने इसके साथ ही आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए पूरी दुनिया में एक समान और मजबूत जवाब की व्यवस्था करने पर ज़ोर दिया।
अफ़ग़ानिस्तान का मुद्दा
भारतीय प्रधानमंत्री ने अफ़ग़ानिस्तान का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल आतंकवादी घटनाओं के लिए नहीं होना चाहिए, यह सुनिश्चित करना होगा।
मोदी ने यह भी कहा कि इस समय अफगानिस्तान के लोगों को मदद की जरूरत है, इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा।
चीन को घेरा
प्रधानमंत्री ने चीन का नाम लिए बग़ैर ही उसे घेरा और इस बात पर ज़ोर दिया कि दक्षिण चीन सागर के अंतरराष्ट्रीय रूट सबके लिए खुले रहें और सब उसका एक समान व्यापार कर सकें, किसी का एकाधिकार न हो।
उन्होंने कहा,
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समुद्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा है, हमें उसे विस्तार की होड़ से बचाना होगा। विश्व समुदाय को एक सुर में नियम आधारित कामकाज पर ज़ोर देना होगा। समुद्र हम सबकी साझा विरासत है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
बता दें कि बीजिंग दक्षिण चीन सागर पर अपना अधिकार जताता रहा है और कई देशों से उसका सीमा विवाद इसी क्षेत्र पर अधिकार को लेकर है।
भारतीय लोकतंत्र
प्रधानमंत्री ने भारत में लोकतंत्र की ज़ड़ें मजबूत होने की बात कही और लोगों को यह याद दिलाया कि यह भारतीय लोकतंत्र ही है कि चाय बेचने वाला एक लड़का बड़ा होकर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहा है।
उन्होंने कहा, "भारत के लोकतंत्र की मजबूती का पता इससे चलता है कि एक रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में पिता की मदद करने वाला एक लड़का भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चौथी बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहा है।"