प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को उनकी चुनावी रैली राजस्थान के टोंक जिले में थी। उन्होंने फिर से कांग्रेस पर उन्हीं आरोपों को दोहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में वादा किया गया है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वह 'घुसपैठियों' के बीच धन का पुनर्वितरण (वेल्थ रीडिस्ट्रीब्यूशन ) करेगी। कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल पीएम के भाषण को लेकर गुस्से में हैं। उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से संपर्क कर कार्रवाई की मांग की है। लेकिन इस विवाद से कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र पिर सुर्खियों में है। इसे 5 अप्रैल को जारी किया गया था लेकिन अब इसे फिर से पढ़ने की जरूरत है ताकि मोदी के बयान की सच्चाई का पता लग सके।
क्या कहा मोदी ने
पहले तो यह जानिए कि मोदी ने बांसवाड़ा (राजस्थान), अलीगढ़ (यूपी) और आज मंगलवार 23 अप्रैल को टोंक (राजस्थान) में कांग्रेस घोषणापत्र के हवाले से किस बात को बार-बार दोहराया। मोदी ने कहा- “मैं देशवासियों को चेतावनी देना चाहता हूं। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की नज़र आपकी कमाई और आपकी संपत्ति पर है। कांग्रेस के 'शहजादा' (राहुल गांधी के लिए मोदी द्वारा प्रयोग किया गया शब्द) कहते हैं कि अगर उनकी सरकार आई तो वे जांच करेंगे कि कौन कितना कमाता है, किसके पास कितनी संपत्ति है... हमारी माताओं और बहनों के पास गोल्ड है। यह 'स्त्री धन' है, इसे पवित्र माना जाता है और कानून भी इसकी रक्षा करता है। अब इन लोगों की नजर महिलाओं के 'मंगलसूत्र' पर है। इनका इरादा माताओं-बहनों का गोल्ड चुराने का है। अगर आपके गांव में किसी पुराने पूर्वज का घर है और आपने अपने बच्चों के भविष्य के लिए शहर में एक छोटा सा फ्लैट भी खरीदा है। फिर वे दोनों में से एक को ले जाएंगे।”यह पहला मौका नहीं है जब मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को निशाना बनाया। 5 अप्रैल को कांग्रेस घोषणापत्र रिलीज होने के अगले ही दिन 6 अप्रैल को उन्होंने यूपी के मुस्लिम बहुल इलाके सहारनपुर में कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लिमी लीग छाप है, मुस्लिम लीग के विचारों पर आधारित है। लेकिन मीडिया में जब यह बात सामने आई कि मोदी इस मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं। खड़गे ने याद दिलाया कि किस तरह आरएसएस और जनसंघ के श्यामा प्रसाद मुकर्जी ने मुस्लिम लीग के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के साथ अविभाजित बंगाल में सरकार बनाई थी तो मोदी ने चुप्पी साध ली और दोबारा मुस्लिम लीग वाली बात नहीं कही। लेकिन अब उन्होंने वेल्थ रीडिस्ट्रीब्यूशन का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि कांग्रेस ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत कर दी है। लेकिन चुनाव आयोग सो रहा है, उसने मोदी को कोई नोटिस जारी नहीं किया।
कांग्रेस के घोषणापत्र का सचः हकीकत यह है कि कांग्रेस का घोषणापत्र 'सामाजिक न्याय और समानता' पर प्रमुखता से टिका है। घोषणापत्र में, पार्टी ने जातियों और उप-जातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना के लिए सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) आयोजित करने का वादा किया है। यदि विपक्षी गठबंधन सत्ता में आता है, तो पार्टी ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करने का भी वादा किया। मोदी ने जिस शहजादे के बयान का जिक्र किया है। उसको भी जानिए कि राहुल गांधी ने तेलंगाना में घोषणापत्र जारी करते हुए क्या कहा था। राहुल ने कहा था- "हम सबसे पहले यह तय करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना करेंगे कि कितने लोग अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अल्पसंख्यकों से संबंधित हैं। उसके बाद, हम एक वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण करेंगे ताकि धन का वितरण ठीक से हो सके।“
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने मंगलवार को ही मोदी के आरोपों की पड़ताल की। उन्होंने लिखा है कि एक बार फिर, घोषणापत्र को पढ़ने पर, इस विषय पर यही पता चला:
- इसमें कहा गया है: 'नीतियों में उपयुक्त बदलावों के जरिए धन और आय की बढ़ती असमानता को संबोधित किया जाएगा।'
- इसमें कहा गया है: 'जातिगत भेदभाव एक वास्तविकता है.. जबकि ओबीसी, एससी और एसटी भारत की आबादी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हैं, अच्छे और बड़े रैंकिंग वाले कारोबार और सेवाओं में उनका प्रतिनिधित्व उनके अनुपात से कम है।'
- 'जातियों और उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना का आयोजन करेंगे... डेटा के आधार पर, हम सकारात्मक कार्रवाई के एजेंडे को मजबूत करेंगे।'
- 'हम यह तय करेंगे कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सार्वजनिक रोजगार, सार्वजनिक कार्य कॉन्टैक्ट, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव के अवसरों का उचित हिस्सा मिले।'
राजदीप ने चार प्वाइंट में कांग्रेस घोषणापत्र का सच बताने के बाद लिखा है- मुझे नहीं पता कि घोषणापत्र में कहां कहा गया है कि धन का 'पुनर्वितरण' किया जाएगा और अल्पसंख्यकों को दिया जाएगा। हालाँकि, कांग्रेस को प्वाइंट 1 पर स्पष्टीकरण देना चाहिए: धन और आय में बढ़ती असमानता को दूर करने के लिए वह कौन सी विशिष्ट नीतियां लाने का इरादा रखती है। 'जितनी आबादी उतना हक' वाली कैच लाइन से राहुल गांधी का क्या मतलब है? भारत को वंचित समूहों के लिए सकारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है, उसे अधिक आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। और हां, नियमों के भीतर काम करने वाले धन पैदा करने वालों का जश्न मनाया जाना चाहिए, उन्हें टारगेट नहीं किया जाना चाहिए।
सत्य हिन्दी डॉट कॉम के संस्थापक संपादक और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने मंगलवार को फ्री प्रेस जनरल में मोदी के बयानों के संदर्भ में अंग्रेजी में एक लेख लिखा है। हालांकि लेख मुसलमानों के संदर्भ में मोदी के बयानों पर केंद्रित है लेकिन उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात कही है। आशुतोष ने लिखा है- मोदी एक ऐसे राजनेता हैं जो बिना सोचे-समझे कुछ नहीं बोलते। उनका हर कदम और कार्रवाई बहुत अच्छी तरह से नपी-तुली और रणनीतिक रूप से योजनाबद्ध है। उन्होंने और उनके थिंक टैंक ने अपना होमवर्क किया होगा और मतदाताओं पर प्रभाव की गणना की होगी। आशुतोष ने यह भी लिखा है - 'अगर देश में बेरोजगारी नहीं है, और जैसा कि सरकार समर्थकों का दावा है, महंगाई नियंत्रण में है, तो प्रधानमंत्री यह कहकर हिंदू मतदाताओं को डराने की कोशिश क्यों कर रहे हैं कि कांग्रेस सत्ता में आने पर मुसलमानों को धन (वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन) बांटेगी?'
कांग्रेस घोषणापत्र समिति के प्रमुख सदस्य प्रवीण चक्रवर्ती ने मोदी और भाजपा के वेल्थ रीडिस्ट्रीब्यूशन वाले तर्कों को 'हास्यास्पद' बताया। चक्रवर्ती ने कहा कि राहुल गांधी एक अधिक दार्शनिक विचार 'जितनी आबादी, उतना हक' (जनसंख्या के अनुपात में अधिकार) का जिक्र कर रहे हैं। “कांग्रेस ने 48 पेज के घोषणापत्र में कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया है कि हम किसी का धन छीन लेंगे और इसे किसी और को दे देंगे। ऐसा कहना भी अजीब है। हम किसी के घर में नहीं घुसना चाहते। यह भाजपा ही है जो ऐसा करती रही है।'' चक्रवर्ती के मुताबिक राहुल गांधी का सवाल था, ''क्या हमें ऐसे समाज की आकांक्षा नहीं करनी चाहिए जो पहचान के अनुसार पुरस्कार और लाभ में बराबर का हिस्सेदार हो? राहुल गांधी का यह मानना नहीं है कि किसी के घर में घुसकर उनकी संपत्ति छीन ली जाए।''
मोदी का मंगलवार को टोंक में फिर से संपत्ति छीनने वाली बात, मंगलसूत्र को खतरे में बताने वाली बात से यह साबित हो गया है कि उनके पास ठोस रूप में कहने को कुछ नहीं है। राजस्थान में अब भाजपा की सरकार है लेकिन मोदी ने डबल इंजन सरकार की कोई ठोस बात टोंक की जनता को नहीं बताई। टोंक रैली को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता और महासचिव जयराम रमेश ने मोदी से सवाल पूछे थे। जयराम रमेश ने मोदी से पूछा था- 1. कांग्रेस की जनहित योजनाओं में भाजपा कटौती क्यों कर रही है? 2. ERCP में बीजेपी ने कितना भ्रष्टाचार किया है? 3. ईसरदा बांध की वजह से विस्थापित हुए परिवारों को भाजपा कब तक मुआवज़े से वंचित रखेगी? जयराम ने इसके बाद विस्तार से पीएम मोदी के उन जुमलों को गिनाया है, जो राजस्थान की जनता से किए जाते रहे हैं। लेकिन अब मोदी राजस्थान की चुनावी रैलियों में उनमें से किसी का जिक्र नहीं कर रहे हैं। पूरा भाषण हिन्दू-मुसलमान पर होता है।