बीजेपी-आरएसएस की मानसिकता आंबेडकर विरोधी, शाह इस्तीफा दें: राहुल

07:30 pm Dec 19, 2024 | सत्य ब्यूरो

संसद परिसर में गुरुवार को बीजेपी-कांग्रेस सांसदों के बीच झड़प और आरोप-प्रत्यारोपों के बीच कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमित शाह सहित बीजेपी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस की मानसिकता संविधान विरोधी और आंबेडकर विरोधी है।

गृहमंत्री अमित शाह द्वारा कांग्रेस पर उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने गुरुवार को शाह पर तीखा हमला किया और संसद में डॉ. बीआर आंबेडकर के बारे में कथित तौर पर की गई विवादास्पद टिप्पणी को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की।

खड़गे के साथ मौजूद राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अडानी विवाद को मुख्य मुद्दा बताकर उससे ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 'इसकी शुरुआत संसद सत्र से पहले अडानी जी पर अमेरिकी मामले से हुई थी। पूरे समय भाजपा ने इस पर चर्चा को रोकने की कोशिश की। उनकी मूल रणनीति मुद्दे को उलझाना था।'

उन्होंने भाजपा के आचरण और इसकी वैचारिक जड़ों के बीच संबंध स्थापित किया। राहुल ने कहा, 'भाजपा-आरएसएस की सोच संविधान विरोधी और आंबेडकर विरोधी है। वे उनकी विरासत को खत्म करना चाहते हैं। उनके मंत्री ने सबके सामने अपनी मानसिकता दिखाई। हमने कहा कि माफी मांगनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि शाह के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग केवल प्रतीकात्मक नहीं थी, बल्कि जवाबदेही की मांग थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में खड़गे ने अमित शाह की टिप्पणियों को दुखद और तथ्यात्मक रूप से गलत बताया और उन पर भारत के पहले कानून मंत्री और संविधान के प्रमुख निर्माता के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाया। खड़गे ने कहा, 'पहले उन्हें इस तरह के बयान देने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए। फिर वह नेहरू जी और आंबेडकर का अपमान कर सकते हैं। उन्होंने नेहरू और आंबेडकर के बारे में जो कुछ कहा वह सब झूठ है। अगर मुझे संसद में मौका मिलता, तो मैं बोलता।'

खड़गे ने भी आरोप लगाया कि अडानी मुद्दे से ध्यान भटकाने की भाजपा की कोशिशें जानबूझकर की गई हैं, हमारा निशाना इसी पर था। उन्होंने संसद में नए सिरे से हुए टकराव को विपक्ष की जवाबदेही की मांग को दबाने का प्रयास क़रार दिया।

खड़गे के अनुसार, निर्णायक बिंदु संविधान पर बहस के दौरान अमित शाह का बयान था। उन्होंने कहा, 'उन्होंने कहा कि अगर हमने आंबेडकर का नाम जितनी बार लिया, उतनी बार भगवान का नाम लिया होता, तो हम स्वर्ग में होते। यह निंदनीय है।' उन्होंने आगे भाजपा पर बंदरगाहों और हवाई अड्डों जैसे सार्वजनिक संसाधनों को अडानी समूह को सौंपने का आरोप लगाया।

'हम लाइन में शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे'

खड़गे ने दिन में पहले कांग्रेस सांसदों द्वारा आयोजित विरोध मार्च की जानकारी दी। खड़गे ने कहा, 'हम एक पंक्ति में शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, लेकिन उन्होंने हमें मकर द्वार गेट पर रोक दिया। अपनी ताक़त दिखाने के लिए वे कई पुरुष सांसदों को लेकर आए। हमारे साथ हमारी महिला सांसद थीं, और उन्हें भी रोक दिया गया।' उन्होंने कहा कि भाजपा सांसदों ने कांग्रेस नेताओं पर बलपूर्वक हमला किया, जिससे उनका संतुलन बिगड़ गया। खड़गे ने कहा, 'मैं किसी को धक्का देने की स्थिति में नहीं था। मैं अपना संतुलन नहीं संभाल सका, और मैं बैठ गया। अब वे आरोप लगा रहे हैं कि हमने उन्हें धकेला है।'

खड़गे ने कहा, 'प्रियंका गांधी ने आंदोलन का नेतृत्व किया। हमारे साथ केवल महिला सदस्य हैं, और वे सभी पुरुष थे। भाजपा द्वारा बनाया गया इस तरह का माहौल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'

प्रेस कॉन्फ़्रेस में कांग्रेस का अहंकार दिखा: बीजेपी

कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बीजेपी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया, 'अभी-अभी कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी ने और राहुल गांधी जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। हम सोच रहे थे कि वो संसद में उनके द्वारा किए गए कुकृत्य की क्षमा मांगेंगे। लेकिन उन्होंने क्षमा नहीं मांगी। मुझे तो समझ ही नहीं आया कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उनका अहंकार झलक रहा था।' 

उन्होंने कहा, 'आज मेरा मन भारी है, व्यथित है, पीड़ा से भरा हुआ है। मैं एक दर्जन बार लोकसभा और विधानसभा का सदस्य रहा हूं। मैंने सांसदों और विधायकों के व्यवहार और आचरण को देखा है। लेकिन आज जो संसद में हुआ उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। अशालीन, अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार किया गया जिसकी सभ्य समाज कल्पना भी नहीं कर सकता।' 

शिवराज चौहान ने कहा, 'हमारी एक आदिवासी सांसद बहन श्रीमती कोन्याक ने जो कुछ कहा है, वो सुनकर व्यथा से हम भर जाते हैं। उन्होंने सभापति जी को शिकायत की है कि उनके साथ अशालीन, असभ्य, अमर्यादित व्यवहार किया गया। सभापति कह रहे हैं कि वह उनके पास रोती हुई आई थी। क्या महिला आदिवासी सांसद के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा, क्या उनके इतने निकट पहुंचे कि वो असहज हो जाएं। मां-बहन-बेटी का सम्मान भारत की प्राथमिकता रही है। लेकिन महिला आदिवासी सांसद के साथ ऐसे व्यवहार की कोई कल्पना कर सकता है क्या? क्या हो गया है राहुल गांधी और कांग्रेस को?'