कोरोना संक्रमण के चौथे चरण में भयावह स्थिति, भारत अभी दूसरे चरण में ही!

09:54 am Mar 18, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

भारत में कोरोना वायरस कितनी ख़तरनाक स्थिति तक फैल चुका है, इसकी जाँच इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने शुरू कर दी है। इसकी पहली रिपोर्ट भी आ गई है। वायरस के फैलने के स्तर को मापने के लिए चार चरण चिन्हित किए गए हैं जिसमें भारत अभी दूसरे चरण में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अभी तीसरे चरण में नहीं पहुँचा है। चौथे चरण में स्थिति भयावह हो जाती है और इसे महामारी घोषित कर दिया जाता है यानी तब इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन भारत अभी उस स्थिति में नहीं पहुँचा है। आईसीएमआर ने इसकी पुष्टि की है।

आईसीएमआर के अनुसार इस वायरस के फैलने के चार चरण हैं।

  • पहला चरण, दूसरे देश से संक्रमित केस आया हो। 
  • दूसरा चरण, स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैला हो।
  • तीसरा चरण, कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी बिना किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए वायरस फैला हो। 
  • और चौथा चरण, संक्रमण महामारी का रूप ले ले।

आईसीएमआर की जो पहली रिपोर्ट आई है वह जाँच यह देखने के लिए थी कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मामले तो नहीं हैं। कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है। 

आईसीएमआर ने इसके लिए रैंडम तरीक़े से यानी जहाँ-तहाँ से एक मार्च से लेकर 15 मार्च तक 1020 सैंपल लिए थे यह देखने के लिए कि उनमें कोरोना वायरस की पुष्टि होती है या नहीं। ये वे लोग थे जिनमें गंभीर साँस की बीमारियों, न्यूमोनिया और इन्फ्लूएंज़ा जैसे लक्षण थे।

इन सैंपलों में से 500 की रिपोर्ट आ गई है। ये सभी नेगेटिव रहे हैं यानी उनमें कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। इसका एक मतलब है कि भारत में अभी कम्युनिटी स्तर पर संक्रमण नहीं फैल रहा होगा। इसका एक अर्थ यह भी है कि भारत अभी तीसरे चरण में नहीं पहुँचा है। 

हालाँकि भारत में भी लगातार कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक भारत में 147 मामले आ चुके हैं। इसमें से 25 विदेशी लोग हैं। तीन लोगों की मौत हो चुकी है। 14 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और फ़िलहाल 130 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। 

कम्युनिटी ट्रांसमिशन हुआ तो क्या होगा

आईसीएमआर ने कहा है कि यदि इस रैंडम तरीक़े से लिए जाने वाले सैंपल में एक भी व्यक्ति में कोरोना वायरस की पुष्टि होगी तो इसका मतलब होगा कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन वाला चरण आ चुका है। इसके बाद कई तरह के अतिरिक्त क़दम उठाने होंगे। मिसाल के तौर पर स्थानीय स्तर पर भी क्वारेंटाइन करना होगा, जाँच की सुविधा करनी होगी और उसी क्षेत्र से सैंपल लिए जाने होंगे। 

आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा है कि फ़िलहाल जो मामले आए हैं उसमें कम्युनिटी स्तर पर संक्रमण फैलने के संकेत नहीं दिखते हैं। उन्होंने यह भी कहा, 'हालाँकि यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि हमने वायरस को नियंत्रित कर लिया है। कितनी मज़बूती से हम अपनी सरहदों को बंद करते हैं... इससे मदद मिलेगी। हम यह नहीं कर रहे हैं कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं होगा।'

भार्गव ने इससे पहले पिछले शुक्रवार को 'इकोनॉमिक टाइम्स' से कहा था कि अगले 30 दिन तक भारत के लिए महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने कहा था कि यदि इन दिनों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन को शुरू नहीं होने देंगे तो स्थिति काफ़ी संभल जाएगी। 

बता दें कि कोरोना वायरस के संदर्भ में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का दौर काफ़ी मायने रखता है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन होने पर यह काफ़ी तेज़ी से फैलता है और फिर इसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाता है। फिर इटली, स्पेन और चीन जैसे देशों की स्थिति हो जाती है जो बेहद ही बुरी स्थिति है।