+
सरकार ने सुशासन सूचकांक 2023 जारी क्यों नहीं किया? जानें वजह

सरकार ने सुशासन सूचकांक 2023 जारी क्यों नहीं किया? जानें वजह

इस साल नवंबर में जारी की गई 2023-2024 की मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में विभाग ने कहा था कि पहला सुशासन सूचकांक 2019 में, दूसरा 2021 में जारी किया गया था और तीसरा 2023 तैयार हो चुका है और जल्द ही जारी किया जाएगा।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिए जारी किया जाने वाला सुशासन सूचकांक 2023 जारी नहीं होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार इसको इस बार रद्द कर दिया गया है और अब इसको अगले साल जारी किए जाने की बात कही गई है। हर दो साल में जारी किए जाने वाला यह सूचकांक पहली बार 2019 के लिए जारी किया गया था और दूसरी बार 2021 के लिए जारी किया गया था। तो सवाल है कि फिर 2023 के लिए इसे जारी क्यों नहीं किया गया?

सुशासन सूचकांक 25 दिसंबर 2019 को दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर लॉन्च किया गया था। इसे सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह सूचकांक कृषि, इकोनॉमिक गवर्नेंस, सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिक-केंद्रित शासन सहित विभिन्न क्षेत्रों में 50 से अधिक संकेतकों को कवर करता है। तमिलनाडु और गुजरात को क्रमशः 2019 और 2021 की रैंकिंग में बड़े राज्यों में पहला स्थान मिला था।

2021 का सूचकांक 25 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जारी किया था। इसमें 10 क्षेत्रों में 58 संकेतक शामिल थे। गुजरात समग्र रैंकिंग में शीर्ष पर रहा, जबकि 20 राज्यों ने 2019 से स्कोर में सुधार दिखाया।

हाल ही में 7 दिसंबर को, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग 2023 वाला सूचकांक जारी करने की योजना बना रहा था। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि केंद्र ने सुशासन सूचकांक 2023 को जारी नहीं करने का फैसला किया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की द्विवार्षिक रैंकिंग सुशासन सप्ताह यानी 19 दिसंबर से 25 दिसंबर के दौरान जारी की जानी थी। लेकिन अब 2025 में अगला संस्करण प्रकाशित करने की योजना बनाई जा रही है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सुशासन सूचकांक यानी जीजीआई 2023 को 23 दिसंबर को जारी करने की योजना बनाई जा रही थी, सरकार ने इसे जारी न करने का फैसला किया। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राज्यों से जुटाए गए डेटा 2023 से संबंधित थे और 2024 के अंत में जारी करने का मतलब होगा कि डेटा पुराना होता। ऐसा पता चला है कि जीजीआई के लिए फिर से नया डेटा जुटाया जाएगा।

टिप्पणी के लिए संपर्क किए जाने पर, डीएआरपीजी के सचिव वी श्रीनिवास ने अंग्रेज़ी अख़बार से कहा, 'राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के मूल्यांकन के लिए तैयार किया जाने वाले जीजीआई का दो सालों में प्रकाशन होता है और अगला संस्करण दिसंबर 2025 में प्रकाशित किया जाएगा। जीजीआई 2021 और 2019 को डीएआरपीजी द्वारा जारी किया गया है। डीएआरपीजी ने 2021-2024 की अवधि में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के लिए जिला सुशासन सूचकांक प्रकाशित किए हैं।' 

बता दें कि इस साल नवंबर में जारी की गई 2023-2024 की मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में विभाग ने कहा था, 'पहला जीजीआई 2019 में जारी किया गया था, दूसरा जीजीआई 2021 में जारी किया गया था और तीसरा जीजीआई 2023 तैयार हो चुका है और जल्द ही जारी किया जाएगा।'

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें