कोरोना संक्रमण के हर दिन बढ़ रहे मामलों के बीच देश भर में आज से तीसरे चरण का टीकाकरण शुरू हो गया है। इसमें 45 साल और इससे ऊपर की उम्र वाले लोगों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। भारत सरकार ने इस साल 16 जनवरी को कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया था। इसमें हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया था। इसके बाद दूसरा चरण 1 मार्च से शुरू हुआ था। इसमें 60 साल और इससे ऊपर की उम्र वाले लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया था।
लेकिन बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले जिस रफ्तार से बढ़े हैं, उससे चिंतित केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वे अपने राज्य के ऐसे जिलों में जहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, वहां 45 साल से ऊपर की उम्र वाले सभी लोगों को कोरोना का टीका लगवाएं।
सरकार ने कहा है कि इन सभी लोगों को दो हफ्ते के भीतर टीके लग जाने चाहिए। तीसरे चरण में इन सभी लोगों को टीका लगाया जाएगा।
आठ राज्य खासे संक्रमित
केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि आठ राज्यों में इस वायरस का संक्रमण बहुत ज़्यादा है और इनमें कुल मामलों के 84.73 फ़ीसदी मामले हैं। ये राज्य- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश हैं। इन राज्यों में भी महाराष्ट्र सबसे ज़्यादा प्रभावित है, जहां कोरोना संक्रमण के मामलों ने रफ़्तार पकड़ी हुई है। संक्रमण को रोकने के लिए राज्य के कई शहरों में सख्तियां लागू की गई हैं।
बीते कुछ दिनों से देश में हर दिन कोरोना संक्रमण के 50 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं और एक दिन तो यह आंकड़ा 68 हज़ार तक पहुंच गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि पिछले कुछ हफ़्तों में हालात ख़राब होते गए हैं और यह बेहद चिंता की बात है। मंत्रालय ने आरटी-पीसीआर टेस्ट पर ध्यान केंद्रित करने के साथ परीक्षण को तेज़ करने, स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने और स्वास्थ्य संसाधनों को व्यवस्थित करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली हवाई अड्डे पर रैंडम टेस्टिंग
दिल्ली के हवाई अड्डों पर कोरोना की रैंडम टेस्टिंग शुरू की गई है जिससे संक्रमित लोग पकड़ में आ सकें और इस वायरस को फैलने से रोका जा सके। ऐसी रैंडम टेस्टिंग जल्द ही बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर भी की जाएगी।
'युवाओं से फैल रहा संक्रमण'
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में वृद्धि मुख्य रूप से युवाओं के कारण हो रही है। विशेषकर उन युवाओं की वजह से जिनमें 'अपेक्षाकृत मामूली लक्षण' दिखते हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे में सतर्क रहने की ज़रूरत है। डॉ. गुलेरिया ने चेताया कि यह संक्रमण बुजुर्गों में फैल सकता है और स्थिति गंभीर हो सकती है।