कांग्रेस ने कहा, 'हैशटैग जुमला पैकेज'

08:38 pm May 14, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री के नए आर्थिक पैकेज को 'निराशाजनक' और 'बिग ज़ीरो' क़रार दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि आर्थिक पैकेज  दरअसल 'हैशटैग जुमला पैकेज' है। 

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के मुताबिक 8 करोड़ प्रवासी मज़दूर हैं। पर सच यह है कि यह तादाद इससे बहुत ज़्यादा यानी 11 करोड़ है। 

लाखों मज़दूर सड़कों पर

उन्होंने कहा कि लाखों प्रवासी मज़दूर सड़कों पर चल रहे हैं और अपने घर जाने की कोशिश में हैं। सरकार बताए कि उसने उन लोगों के लिए क्या किया। सरकार ने इन मज़दूरों को रोका, कैंपों में रखा, क्लोरीन से नहलवाया और फिर सड़क पर छोड़ दिया। मनीष तिवारी ने कहा, 

 

सरकार सबसे पहले इन प्रवासी मज़दूरों को घर पहुँचाने की व्यवस्था करती, पर उसने ऐसा नहीं किया। जिन्हें ट्रेन से छोड़ा जा रहा है, उन मज़दूरों से किराया भी वसूला जा रहा है।


मनीष तिवारी, प्रवक्ता, कांग्रेस

मनीष तिवारी ने सरकार पर चोट करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद के सबसे बड़ी मानवीय आपदा से निपटने के लिए सरकार के पास सिर्फ 5,000 करोड़ रुपए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सिर्फ आँकड़ों की गोलाबारी करती है, पर सच 'ज़ीरो बटा सन्नाटा' है। 

कांग्रेस ने केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने चार घंटे का समय देकर लॉकडाउन का एलान कर दिया और वित्त मंत्री राज्य सरकारों पर सारी ज़िम्मेदारी डालना चाहती हैं।

मदद नहीं, क़र्ज़

इसी तरह कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार ने किसी को किसी तरह की मदद नहीं दी है, बस क़र्ज़ देने की बात ही कहा है। यह क़र्ज तो एक दिन उन्हें वापस करना ही होगा। सरकार सिर्फ़ लोन मेला लगा रही है। आज ज़रूरत मदद की है, लोन की नहीं। उन्होंने कहा, 

मोदी सरकार सिर्फ़ लोन मेला लगा रही है। आज ज़रूरत मदद की है, लोन की नहीं।


सुप्रिया श्रीनेत, प्रवक्ता, कांग्रेस

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि एक समय उन्होंने मनरेगा पर बहुत ही ग़लत और अपमानजनक तरीके से हमला बोला था। लेकिन आज उन्हें लगता है कि इस मनरेगा के ज़रिए ही वह लोगों की मदद दे सकते हैं। 

श्रीनेत ने यह भी कहा कि सरकार की नीयत में खोट है, वह सिर्फ आँकड़े दे रही है, कोई मदद नहीं कर रही है।