कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच देश के छह राज्यों में कोरोना के केस बढ़ने पर केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की टीमें भेजी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उन टीमों में अलग-अलग मामलों से जुड़े अलग-अलग विशेषज्ञ शामिल हैं। ये टीमें केरल, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में कोरोना को नियंत्रित करने और उसे रोकने के उपाय करने में राज्यों की सहयता करेंगी।
केंद्र की ओर से टीमें भेजने की जल्दबाज़ी तब दिखाई गई है जब देश के कई राज्यों में अब डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। यह डेल्टा प्लस उस डेल्टा वैरिएंट का ही एक म्यूटेंट है जिसे दुनिया भर में अब सबसे बड़ा ख़तरा माना जा रहा है। यह वही डेल्टा वैरिएंट है जिसे भारत में कोरोना की दूसरी लहर में तबाही लाने के लिए ज़िम्मेदार माना गया।
भारत में जब दूसरी लहर अपने शिखर पर थी तो हर रोज़ 4 लाख से भी ज़्यादा संक्रमण के मामले रिकॉर्ड किए जा रहे थे। देश में 6 मई को सबसे ज़्यादा 4 लाख 14 हज़ार केस आए थे। यह वह समय था जब देश में अस्तपाल बेड, दवाइयाँ और ऑक्सीजन जैसी सुविधाएँ भी कम पड़ गई थीं। ऑक्सीजन समय पर नहीं मिलने से बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुईं। अस्पतालों में तो लाइनें लगी ही थीं, श्मशानों में भी ऐसे ही हालात थे। इस बीच गंगा नदी में तैरते सैकड़ों शव मिलने की ख़बरें आईं और रेत में दफनाए गए शवों की तसवीरें भी आईं।
इन्हीं आशंकाओं के बीच जब छह राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ते दिखे तो स्वास्थ्य मंत्रालय सचेत हुआ। उन राज्यों- केरल में क़रीब 13 हज़ार, अरुणाचल प्रदेश में 250, त्रिपुरा में 450, ओडिशा में 3300, छत्तीसगढ़ में 400 और मणिपुर में क़रीब 600 नये केस हर रोज़ आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ये टीमें संबंधित राज्यों के सामने आने वाली चुनौतियों और मुद्दों को समझकर और बाधाओं को दूर करके राज्यों में चल रही गतिविधियों को मज़बूत करेंगी। दो सदस्यीय उच्च स्तरीय टीम में एक चिकित्सक और एक सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है, 'मणिपुर की टीम का नेतृत्व ईएमआर के अतिरिक्त डीडीजी और निदेशक डॉ. एल स्वास्तिचरण करेंगे, अरुणाचल प्रदेश की टीम का नेतृत्व एआईआईएच एंड पीएच के प्रोफेसर डॉ. संजय साधुखान, त्रिपुरा के लिए एआईआईएच एंड पीएच के प्रोफेसर डॉ. आरएन सिन्हा, केरल के लिए पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट ग्रेड II, RoHFW की डॉ. रुचि जैन, ओडिशा के लिए AIIH&PH के पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. ए डैन, और छत्तीसगढ़ के लिए एम्स रायपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दिबाकर साहू नेतृत्व करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ये टीमें कोरोना से जुड़े हर पहलू पर ध्यान देंगी। चाहे वह जाँच हो या निगरानी और कंटेनमेंट को लेकर संचालन, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन हो या, अस्पताल बेड, एंबुलेंस, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, टीकाकरण आदि वे सब पर नज़र रखेंगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के इस निर्णय से पहले आज ही यह ख़बर आई है कि देश में कोरोना से मरने वालों की आधिकारिक संख्या 4 लाख से ज़्यादा हो गई है। बता दें कि क़रीब एक हफ़्ते पहले ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले 10 से ज़्यादा राज्यों में मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार तब उन राज्यों में इस नये वैरिएंट के 50 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद से ही आशंका जताई जा रही है कि अगले एक-दो महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।