बिना इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन की सुविधा वाले 18-44 साल की उम्र के लोग अब सीधे टीकाकरण केंद्र पर रजिस्ट्रेशन कराकर टीके लगवा सकते हैं। इंटरनेट, मोबाइल, ऐप से बिल्कुल अनजान लोग इस फ़ैसले से लाभ ले सकेंगे। अभी, ख़ासकर, गाँवों में टीके लगाने में लोगों को काफ़ी दिक्कतें आ रही थीं वह भी सिर्फ़ टीके से पहले रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की वजह से। केंद्र सरकार ने आज इसके लिए अधिसूचना जारी की है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि पहले से रजिस्टर्ड लाभार्थियों को टीके लगाने के बाद टीके बच जाएँ तो 18-44 आयु वर्ग के कुछ लोगों के लिए केंद्र पर ही रजिस्ट्रेशन और टीकाकरण की सुविधा होगी। ये सुविधाएँ सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर ही उपलब्ध होंगी।
केंद्र सरकार ने केंद्र पर ही को-विन साइट पर रजिस्ट्रेशन करने का फ़ैसला राज्य या केंद्रशासित प्रदेशों पर छोड़ा है। यानी स्थानीय हालात के आधार पर वे यह फ़ैसला ले सकते हैं। इसने यह भी साफ़ कहा है कि यह सुविधा निजी अस्पतालों के लिए नहीं होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि केंद्रों पर लोगों की भीड़ न उमड़ पड़े, इसके लिए भी काफी सतर्कता बरती जानी चाहिए। केंद्र की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चूँकि सिर्फ़ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वालों को टीका लगाने के प्रावधान से कुछ डोज की बर्बादी अब भी हो रही होगी, इसलिए वहाँ कुछ ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन करवाना बेहतर रहेगा।
तो सवाल है कि यह सुविधा अब क्यों की गई, यह पहले क्यों नहीं की जा सकी? शुरू से ही यह शिकायतें आ रही थीं कि गाँवों में अधिकतर लोग टीकाकरण के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पा रहे थे। केंद्र सरकार की ओर से इस सवाल का भी जवाब दिया गया है। केंद्र ने कहा है कि उसने टीकाकरण केंद्रों पर भीड़भाड़ से बचने के लिए 18-44 आयु वर्ग के लिए इस सुविधा में देरी की है।
बता दें कि जिस तरह की सुविधा अभी 18-45 आयुवर्ग के लोगों के लिए की गई है वैसी सुविधा 45 से ऊपर के उम्र के लोगों को पहले से ही मिली हुई है।
सरकार की यह अधिसूचना तब आई है जब टीकाकरण अभियान नीति के लिए केंद्र सरकार जबरदस्त आलोचनाओं का सामना कर रही है। अब यह ख़ासकर आलोचना इसलिए बढ़ गई है कि कई राज्यों को टीके की कमी की वजह से उन्हें अपने केंद्र बंद करने पड़े हैं।
टीके खरीद में भी खामियाँ उजागर हो रही हैं। केंद्र ने टीके की ख़रीद की ज़िम्मेदारी भी राज्यों पर डाल दी है, लेकिन वे टीके खरीद पाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि जब राज्य सरकार ने फाइजर और मॉडर्ना से संपर्क किया तो इन कंपनियों ने साफ़ तौर पर कह दिया कि वे केंद्र सरकार से सौदा करेंगे, राज्यों से नहीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का यह बयान तब आया है- जब दो दिन पहले ही वैक्सीन की कमी के कारण 18-44 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान को रोकना पड़ा है। दिल्ली सहित देश के क़रीब-क़रीब सभी राज्य टीके की कमी का सामना कर रहे हैं।
केजरीवाल ने आज कहा, 'हमने वैक्सीन के लिए फाइजर और मॉडर्ना से बात की है और दोनों ने सीधे हमें टीके बेचने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे केंद्र सरकार से सौदा करेंगे। हम केंद्र से टीके आयात करने और राज्यों को वितरित करने की अपील करते हैं।'
एक दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी यही बात कही थी। उन्होंने कहा था जब मॉडर्ना कंपनी से संपर्क किया गया तो उसने सीधे राज्य को बेचने से इनकार कर दिया। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने भी आज कहा कि वैक्सीन निर्माता मॉडर्ना ने सीधे पंजाब सरकार को वैक्सीन भेजने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए और टीकों की खरीद में राज्य सरकार का समर्थन करना चाहिए।