सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सेबी की जांच एसआईटी को सौंपने से इनकार करने के बाद, गौतम अडानी ने अदालत के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि "सच्चाई की जीत हुई है।"
भारत के जाने-माने उद्योगपति ने एक्स पर ट्वीट किया, "माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पता चलता है कि: सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा। जय हिंद।"
सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में मार्केट रेगुलेटर, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 'जांच को सेबी से एसआईटी (विशेष जांच दल) को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है', और कहा कि जॉर्ज सोरोस के नेतृत्व वाली संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (ओसीसीआरपी) की रिपोर्ट सेबी रिपोर्ट पर संदेह की वजह नहीं बन सकती।
अदालत ने कहा- "सेबी के नियामक ढांचे में प्रवेश करने की इस अदालत की शक्ति सीमित है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और लिस्टिंग दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताओं (एलओडीआर) नियमों पर अपने संशोधनों को रद्द करने के लिए सेबी को निर्देश देने के लिए कोई वैध आधार नहीं उठाया गया है।''
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने से पहले गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच गए थे। लेकिन रिपोर्ट आने के बाद अडानी लुढ़कते चले गए। विपक्षी दलों का आरोप है कि अडानी समूह को केंद्र की मोदी सरकार का संरक्षण प्राप्त है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और आप सांसद संजय सिंह ने संसद के अंदर अडानी समूह पर करप्शन और धोखाधड़ी के आरोप लगाए। संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा से उन बयानों को हटा दिया गया। कांग्रेस का आरोप है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता अडानी के कारण छीनी गई लेकिन बाद में अदालत के हस्तक्षेप पर बहाल हुई।
लोकसभा और राज्यसभा में अडानी से संबंधित संदर्भों को हटा दिया गया लेकिन राहुल गांधी और महुआ मोइत्रा अभी भी संसद के बाहर अडानी समूह को लेकर मुखर हैं। हालांकि महुआ मोइत्रा उसके बाद से तमाम तरह के विवादों का सामना कर रही हैं।