हिजाब विवाद कर्नाटक के बाद अब यूपी भी पहुंच गया है। मुरादाबाद में एक कॉलेज में हिजाब पहनकर आईं मुस्लिम छात्राओं को बुधवार को कॉलेज में आने से रोक दिया गया। उनसे कहा गया कि वो हिजाब उतारकर ही कॉलेज में आ सकती हैं। कॉलेज में ड्रेस कोड 1 जनवरी 2023 से लागू किया गया है। कर्नाटक में चले ऐसे ही विवाद का मामला हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था।
एनडीटीवी, दैनिक जागरण और स्थानीय मीडिया के मुताबिक मुरादाबाद में हिंदू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनका कॉलेज उन्हें हिजाब पहनकर कॉलेज परिसर में प्रवेश नहीं करने दे रहा था और गेट पर जबरन उनका हिजाब उतार दिया गया।
इस मामले को लेकर तय नियमों पर अड़े रहे छात्रों और समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं व कॉलेज के प्राध्यापकों के बीच हाथापाई हो गई। हिंदू कॉलेज के सीन का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है।
इस बीच, कॉलेज के प्रोफेसर डॉ एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने यहां छात्रों के लिए एक ड्रेस कोड लागू किया है और जो कोई भी इसका पालन करने से इनकार करेगा, उसे कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा। कॉलेज ने 1 जनवरी 2023 से ड्रेस कोड लागू कर दिया है।
इस पर समाजवादी छात्र सभा के सदस्यों ने हिजाब को कॉलेज के ड्रेस कोड में शामिल करने और लड़कियों को इसे पहनकर अपनी कक्षाओं में जाने की अनुमति देने के लिए ज्ञापन सौंपा।
जनवरी 2022 में कर्नाटक में भी ऐसी ही स्थिति पैदा हुई थी। उडुपी जिले के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया, तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ। विरोध प्रदर्शन के दौरान, कुछ छात्राओं ने कहा था कि हिजाब पहनने के कारण उन्हें कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया।
इस घटना के बाद विजयपुरा स्थित शांतेश्वर एजुकेशन ट्रस्ट में अलग-अलग कॉलेजों के छात्र भगवा चोला पहनकर पहुंचे. उडुपी जिले के कई कॉलेजों में भी यही स्थिति है।
प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कहा गया था कि छात्र केवल स्कूल प्रशासन द्वारा अनुमोदित वर्दी पहन सकते हैं और कॉलेजों में किसी अन्य धार्मिक प्रथा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसके बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में ले जाया गया, जिसने शिक्षा संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को इस मामले में खंडित फैसला सुनाया। इस तरह मामला जस का तस है। तमाम प्राइवेट कॉलेज हिजाब पहनकर छात्राओं को आने से नहीं रोकते हैं। यूपी में भी तमाम कॉलेजों में छात्राओं को हिजाब पहनकर आने की अनुमति है।