रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने हेमंत सोरेन की हिरासत पाँच दिन के लिए बढ़ा दी है। अदालत ने गुरुवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। कोर्ट का शुक्रवार का यह फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी याचिका खारिज करने के बाद आया।
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय जाने को कहा है। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए सोरेन की याचिका खारिज कर दी कि वह इसमें हस्तक्षेप नहीं कर रही है। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बुधवार देर रात सोरेन को गिरफ्तार किया गया था।
एजेंसी ने पूर्व सीएम को गुरुवार सुबह अदालत में पेश किया था, लेकिन अंतिम आदेश पारित करने में देरी हुई। कोर्ट के फ़ैसले में देरी की वजह यह बतायी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की एक याचिका पर संज्ञान लिया है। इस मामले की सुनवाई रांची की विशेष अदालत कर रही है। एजेंसी का दावा है कि वह सीधे तौर पर 600 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में शामिल थे। विशेष अदालत में पेश किए जाने से कुछ घंटे पहले सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि ईडी ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया है।
इससे पहले बुधवार को अपनी गिरफ्तारी की पूरी आशंका को देखते हुए सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के तुरंत बाद चंपई सोरेन ने कहा कि उन्होंने 47 विधायकों के समर्थन के साथ झारखंड में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है। बाद में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा, 'हमने 43 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है, जिन्होंने हमें बुलाने का आश्वासन दिया है।'
विपक्षी इंडिया इंडिया के विधायकों को लिखे पत्र में हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा था, 'अगर मुझे विधायक दल के नेता के पद से इस्तीफा देने के लिए कहा जाता है, तो नया नेता मेरे द्वारा चुना जाएगा।' अपनी गिरफ्तारी से पहले लिखे गए पत्र में उन्होंने कहा था, 'मैं आज पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने जा रहा हूं। अगर मैं गिरफ्तार हो गया, तो चंपई सोरेन विधायक दल के नेता बन जाएंगे।'
झामुमो, कांग्रेस और राजद के सत्तारूढ़ गठबंधन के पास क्रमशः 29, 17 और एक विधायक हैं। विपक्ष में बीजेपी के पास 26 और आजसू के पास तीन सीटें हैं। सीपीआई (एम-एल) और एनसीपी (एपी) के पास एक-एक विधायक हैं जबकि दो निर्दलीय विधायक हैं।
हेमंत सोरेन ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। बाद में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
अपनी गिरफ्तारी से पहले एक वीडियो संदेश में सोरेन ने कहा था, 'ईडी आज मुझे गिरफ्तार करने आई है। पूरे दिन मुझसे पूछताछ करने के बाद उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से मुझे एक ऐसे मुद्दे पर गिरफ्तार करने का फैसला किया है जो मुझसे जुड़ा नहीं है। उन्हें कोई सबूत नहीं मिला, उन्होंने दिल्ली में छापेमारी करके मेरी छवि खराब करने की भी कोशिश की।' प्रवर्तन निदेशालय ने सोरेन से सात घंटे तक पूछताछ की। बाद में दिन में उनका मेडिकल चेकअप भी हुआ।
सोरेन ने अपनी गिरफ़्तारी को अवैध भी बताया है। सोरेन ने पहले ही जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया है। उन्होंने शिकायत की, 'ईडी बेशर्मी से केंद्र सरकार के (आदेशों) के तहत काम कर रही है और याचिकाकर्ता के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के लिए याचिकाकर्ता के पीछे पड़ी है।'
एजेंसी का मानना है कि हेमंत सोरेन कथित तौर पर भूमि के अधिग्रहण और कब्जे में सीधे तौर पर शामिल थे। यह भी आरोप है कि अपराध की आय के उपयोग में भी वह शामिल थे।