डब्ल्यूएचओ ने यूएन को कोवैक्सीन की आपूर्ति निलंबित क्यों की? 

02:47 pm Apr 03, 2022 | सत्य ब्यूरो

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने भारतीय वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के माध्यम से दी जाने वाली आपूर्ति को निलंबित कर दिया है। इसने ऐसा इसलिए किया है कि निर्माता कंपनी अपनी फैसिलिटी को अपग्रेड कर ले और निरीक्षण में पाई गई कमियों को पूरा कर ले। रायटर्स ने यह रिपोर्ट दी है। हालाँकि, वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह के सवाल नहीं उठाए गए हैं।

भारत बायोटेक की इस कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता मिली हुई है। डब्ल्यूएचओ ने पिछले साल नवंबर महीने में ही कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची यानी ईयूएल के लिए मंजूरी दे दी है। 

कोवैक्सीन को मंजूरी देने से पहले डब्ल्यूएचओ ने 18 अक्टूबर को एक ट्वीट में कहा था, 'हम जानते हैं कि बहुत से लोग कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल होने के लिए डब्ल्यूएचओ की सिफारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन हम जैसे-तैसे काम नहीं कर सकते हैं। आपातकालीन उपयोग के लिए किसी उत्पाद की सिफारिश करने से पहले हमें इसका अच्छी तरह से मूल्यांकन कर यह सुनिश्चित करना होता है कि यह सुरक्षित और प्रभावी है।'

जून महीने में भारत बायोटेक ने कहा था कि कोवैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में 77.8 फ़ीसदी प्रभावी रही थी।

बहरहाल, डब्ल्यूएचओ ने अब कोवैक्सीन निर्माण करने वाली कंपनी की सुविधाओं को लेकर यह बयान जारी किया है। अपने ताज़ा बयान में इसने भारत बायोटेक की वैक्सीन प्राप्त करने वाले देशों से उचित कार्रवाई करने के लिए कहा, लेकिन यह साफ़ नहीं किया गया है कि वह उचित कार्रवाई क्या होगी।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि टीका प्रभावी है और कोई सुरक्षा चिंता नहीं है, लेकिन निर्यात के लिए उत्पादन के निलंबन के परिणामस्वरूप कोवैक्सीन की आपूर्ति बाधित होगी।

इसने कहा कि निलंबन 14 से 22 मार्च तक डब्ल्यूएचओ पोस्ट इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (ईयूएल) निरीक्षण के परिणामों के जवाब में है और वैक्सीन निर्माता ने निर्यात के लिए कोवैक्सीन के उत्पादन को निलंबित करने की अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दिया है।

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने रविवार को एक बयान में कहा कि कोवैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत बायोटेक ने बयान में कहा, 'कोवैक्सीन प्राप्त करने वाले लाखों लोगों के लिए जारी किए गए वैक्सीन प्रमाण पत्र अभी भी मान्य हैं क्योंकि वैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।'

भारत बायोटेक ने कहा है कि आने वाली अवधि के लिए कंपनी लंबित फैसिलिटी के रखरखाव और इसकी प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करेगी और उत्पादन को कम करेगी।