आईआईटी कानपुर ने कोरोना की जिस चौथी लहर की आशंका जताई थी क्या अब उसके संकेत मिलने लगे हैं? दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को एक दिन में 299 मामले आए। इससे एक दिन पहले क़रीब 200 पॉजिटिव केस सामने आए थे। तो संक्रमण के मामले बढ़ने के क्या संकेत हैं?
आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने फ़रवरी महीने में कहा था कि देश में कोरोना की चौथी लहर अगले 4 महीने में आ सकती है। यह लहर 4 महीने तक रह सकती है। शोध में कहा गया है कि गंभीरता देश भर में टीकाकरण की स्थिति, कोरोना के नये वैरिएंट की प्रकृति पर निर्भर करेगी।
आईआईटी के शोधकर्ताओं ने कहा था कि आँकड़े बताते हैं कि भारत में कोरोना की चौथी लहर प्रारंभिक आँकड़े उपलब्ध होने की तारीख़ से 936 दिनों के बाद आएगी। देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को आया था। उन्होंने कहा है कि इसलिए चौथी लहर 22 जून, 2022 से शुरू होगी, 24 अक्टूबर, 2022 को समाप्त होगी और अंदाजा है कि लगभग 15 अगस्त से 31 अगस्त, 2022 तक यह अपने शिखर पर होगी।
हालाँकि अभी जून का महीना नहीं आया है और वह वक़्त आने में अभी भी क़रीब 2 महीने का समय बाक़ी है, लेकिन दिल्ली में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे।
बुधवार को जितने मामले आए उससे ज़्यादा इससे पहले 4 मार्च को तब आए थे जब 302 केस दर्ज हुए थे। हालाँकि, तब ये संक्रमण के मामले 47 हज़ार से ज़्यादा जाँच में आए थे जबकि बुधवार के 299 मामले क़रीब 12 हज़ार जाँच में से आए हैं। अब पॉजिटिविटी दर 2.49% हो गई है। यह दर दिल्ली में पिछले क़रीब तीन महीनों में सबसे ज़्यादा है।
पॉजिटिविटी दर ज़्यादा होने और जाँच कम होने से एक आशंका यह भी है कि कोरोना के मामलों की असल संख्या इससे ज़्यादा हो सकती है।
दिल्ली में संक्रमण के मामलों में किस तरह बढ़ोतरी हो रही है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 31 मार्च को संक्रमण के मामलों का साप्ताहिक औसत 104 था जो अब 180 पहुँच चुका है।
यह बढ़ोतरी सिर्फ़ दिल्ली ही नहीं, बल्कि आसपास के शहरों- गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद में भी हो रही है। नोएडा में बुधवार को 9 बच्चों समेत 33 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 4 दिन में 30 से अधिक बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। अब सभी स्कूलों को आदेश जारी किया गया है कि किसी भी बच्चे के कोविड पॉजिटिव पाए जाने पर इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी जाए।
XE वैरिएंट का असर?
आम तौर पर हर नयी लहर में तेजी से फैलने वाले एक नये वैरिएंट को ज़िम्मेदार माना जाता है। कई देशों में कोरोना का XE वैरिएंट फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नया एक्सई वैरिएंट ओमिक्रॉन के बीई.2 सब-वैरिएंट की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक तेज़ी से फैलने वाला प्रतीत होता है। अब तक ओमिक्रॉन के बीए.2 सब-वैरिएंट को कोरोना का सबसे संक्रामक रूप माना जाता रहा है।
नया एक्सई वैरिएंट ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट- बीए.1 और बीए.2 का एक मिश्रित रूप है। इस समय दुनिया भर में केवल कुछ ही मामले इस वैरिएंट के आए हैं। नए साल की शुरुआत में ब्रिटेन में नए वैरिएंट का पता चला था। ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी ने 3 अप्रैल को कहा था कि एक्सई का पहली बार 19 जनवरी को पता चला था और देश में अब तक नए वैरिएंट के क़रीब 700 मामले सामने आए हैं। भारत में भी इस वैरिएंट के मामले की पुष्टि हो चुकी है।
बहरहाल, भारत में कोरोना पाबंदियों में छूट व मास्क पहनने की अनिवार्यता ख़त्म किए जाने के बाद कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं।