करनाल किसान आन्दोलन ख़त्म, सरकार बनाएगी जाँच कमेटी, छुट्टी पर एसडीएम

01:04 pm Sep 11, 2021 | सत्य ब्यूरो

'सिर तोड़ने' का आदेश देने वाले एसडीएम के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की माँग को लेकर हरियाणा के करनाल में चल रहा किसान आन्दोलन ख़त्म हो गया। शनिवार को चौथे दौर की बातचीत में सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच इस पर सहमति बन गई।

समझा जाता है कि हरियाणा सरकार ने कहा है कि वह एक रिटायर्ड जज की अगुआई में एक जाँच कमेटी गठित करेगी, जो 28 अगस्त को करनाल में किसानों पर हुई पुलिस कार्रवाई पर अपनी रिपोर्ट देगी। 

करनाल के तत्कालीन सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा की इसमें भूमिका की भी जाँच की जाएगी। 

इस जाँच रिपोर्ट के आने तक आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। 

सरकार ने यह भी कहा है कि 28 अगस्त के लाठीचार्ज के बाद जिस किसान की मौत हुई थी, उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसी तरह बस्तारा टोल प्लाज़ा पर हुए लाठीचार्ज में जिस किसान की मौत हुई थी, उसके एक परिजन को भी सरकारी नौकरी मिलेगी। 

किसानों और प्रशासन के बीच आम सहमति बनने के बाद संयुक्त किसान मोर्च के गुरनाम सिंह चढ़ूनी और सरकार की ओर से देवेद्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि एक महीने के अंदर जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करे देगी। 

समझौते के तहत किसान नेताओं ने एसडीएम आयुष सिन्हा पर एफ़आईआर दर्ज करने की माँग छोड़ दी। 

बता दें कि 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के संबंध में कार्रवाई की माँग को लेकर करनाल ज़िला मुख्यालय के बाहर किसान तीन दिनों से धरना दे रहे थे।

प्रशासन से बातचीत के लिए किसानों की 14 सदस्यीय समिति बनाई गई थी। 

धरना खत्म कराने के मुद्दा पर प्रशासन ने शुक्रवार को किसान नेताओं से लंबी बातचीत की थी। शुक्रवार को चार घंटे तक चली किसान नेताओं और प्रशासन के बीच बैठक  बातचीत अच्छी रही थी और संकेत मिले थे कि सरकार और किसानों के बीच सहमति बन जाएगी।