हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुत विपरीत हालात का सामना कर रही है। किसान अब खुलकर सामने आ गए हैं। वे जगह-जगह बीजेपी प्रत्याशियों का विरोध कर रहे हैं। जीन्द के उचाना में सोमवार को हुई महापंचायत में किसानों के अगुआ संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी मतदाताओं से बीजेपी को सबक सिखाने का आह्वान किया है। महापंचायत में किसानों ने हाथ उठाकर शपथ ली है कि वे बीजेपी प्रत्याशी का विरोध करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने सोमवार को जींद जिले के उचाना शहर में आयोजित किसानों और मजदूरों की एक महापंचायत में राज्य में किसानों और श्रमिकों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मौजूदा शासन का विरोध करने का आह्वान किया। इस महापंचायत में किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहर, अमरजीत सिंह मोहरी, लखविंदर सिंह औलख, जरनैल सिंह चहल, मंजीत राय, जसविंदर लोंगोवाल, शांता कुमार, हरपाल चौधरी और जसदेव सिंह भी शामिल थे।
सिरसा में भाजपा प्रत्याशी मैदान से हटा
सिरसा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है हरियाणा में बीजेपी की स्थिति ऐसी है कि कोई भी बीजेपी के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ना चाहता। भाजपा अब यहां पूर्व मंत्री और विवादित नेता गोपाल कांडा का समर्थन कर सकती है। जांगड़ा के मैदान से हटने पर भाजपाई बयान देने में पीछे नहीं हैं। पूर्व बीजेपी सांसद अशोक तंवर का कहना है, 'आज (सोमवार) नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी और हमारे उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा सिरसा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया... पार्टी का एक ही लक्ष्य है कि नेतृत्व पीएम मोदी और सीएम नायब सैनी की हम हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाएंगे..."हरियाणा के सीएम नायब सैनी के गृह क्षेत्र क्षेत्र नारायणगढ़ में बीकेयू शहीद भगत सिंह के किसानों ने बीजेपी प्रत्याशी डॉ पवन सैनी को घेर लिया और पूछा कि किसानों पर गोली क्यों चलाई गई। किसानों ने उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया।
इसी तरह आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में भव्य बिश्नोई का भारी विरोध देखा गया। उनके पिता कुलदीप बिश्नोई जब वहां बेटे का प्रचार करने पहुंचे तो लोगों ने उनसे वापस जाने को कहा। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक बिश्नोई का मोबाइल तोड़ दिया गया। आदमपुर भजनलाल परिवार की परंपरागत सीट है और इस सीट कभी भी भजनलाल परिवार का कोई सदस्य हारा नहीं है। इस बार भाजपा ने भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को टिकट दिया है लेकिन किसान मजदूर संगठन भारी विरोध में उतरे हुए हैं।
कोहर ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा किसानों के मुद्दे लगातार उठा रहा है। इसमें किसानों को फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग भी शामिल है, लेकिन मौजूदा सरकार कई वर्षों से इस पर ध्यान देने में विफल रही है।
किसान नेता ने कहा कि एमएसपी तय करने के लिए कानून बनाने के लिए नरेंद्र मोदी ने खुद 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था। लेकिन 2014 में सत्ता में आने के बाद से 10 साल बीत चुके हैं, सरकार अभी भी एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए कानून नहीं बना पाई है। उन्होंने कहा, ''यह भाजपा की किसानों के साथ सबसे बड़ी वादाखिलाफी है।''
किसान नेताओं ने कहा कि सत्ता में मौजूद पार्टी की किसान विरोधी नीतियों के कारण 2020-21 में देश में किसान आंदोलनों में 833 किसान शहीद हुए और 433 किसान घायल हुए हैं। “हमारा आंदोलन सांसद या विधायक बनने या बनाने के लिए नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बचाने के लिए है। किसान नेताओं ने कहा, हम मौजूदा सरकार द्वारा किए गए अत्याचारों को कभी नहीं भूलेंगे और न ही आने वाली पीढ़ियों को इसे भूलने देंगे।