नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी विवादों के केंद्र में है। उसके ख़िलाफ़ हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने और ज़बरन धर्मांतरण करवाने के आरोप लगाए गए हैं और मामला दर्ज किया गया है। यह मामला गुजरात फ्रीडम ऑफ़ रिलीज़न एक्ट, 2003, के तहत लगाया गया है।
इसमें कहा गया है कि वडोदरा स्थित मिशनरी के एक आश्रम में 'कम उम्र की लड़कियों को फुसला कर ईसाई बनाया जाता है।' मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी ने इन आरोपों से इनकार किया है।
वदोदरा के मकरपुर पुलिस थाने में एक एफ़आईआर दर्ज कराया गया है। यह एफ़आईआर ज़िला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी मयंक त्रिवेदी और बाल कल्याण कमेटी के अध्यक्ष की शिकायत पर दर्ज किया गया है। इन लोगों ने मकरपुर स्थित आश्रम का मुआयना किया था और उसके बाद शिकायत की थी।
क्या है एफ़आईआर में?
एफ़आईआर में कहा गया है कि त्रिवेदी ने मकरपुर आश्रम में पाया कि बच्चियों को ईसाई धर्म की किताबें पढ़ने और प्रार्थना करने को मजबूर किया जाता है। इसका मक़सद उनका धर्मांतरण कर उन्हें ईसाई बनाना है।
एफ़आईआर में कहा गया है, 10 फरवरी 2021 और 9 नवंबर 2021 के बीच हिन्दुओं की भावनाओं को जानबूझ कर आहत करने के काम में आश्रम लिप्त रहा है। होम फॉर गर्ल्स में बच्चियों को बाइबल पढ़ने पर मजबूर किया जाता है, स्टोर रूम में बाइबल रखा रहता है और उन्हें गले में क्रॉस लटकाने के लिए कहा जाता है। यह लड़कियों का ज़बरन धर्मांतरण कराने की कोशिश है।
क्या कहना है मिशनरीज का?
मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी ने इन आरोपों से इनकार किया है। उसने यह शिकायत मिलने के बाद एक आंतरिक जाँच शुरू कर दी है।
बाल कल्याण कमेटी ने कहा है कि एक लड़की का विवाह ज़बरन एक ईसाई परिवार में ईसाई विधि से करा दिया गया।
कमेटी ने यह भी कहा है कि शेल्टर होम की लड़कियों को मांसाहारी भोजन दिया गया।
सहायक पुलिस आयुक्त एस. बी. कुमावत ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा कि त्रिवेदी की शिकायतों की जाँच करने के बाद ज़िला कलेक्टर ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
पुलिस का कहना है कि बाल कल्याण कमेटी की शिकायत मिलने के बाद ज़िला कलेक्टर ने इस मामले की जाँच करने के लिए एक कमेटी का गठन किया। इसके बाद मामला दर्ज किया गया।
क्या कहना है पुलिस का?
वडोदरा के पुलिस आयुक्त शमशेर सिंह ने कहा कि पंजाब की एक महिला ने ज़बरन धर्म परिवर्तन की शिकायत की है, इसकी भी जाँच की जा रही है।
सिंह ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा, "हमने शिकायत मिलने के बाद जाँच शुरू कर दी है। शेल्टर होम के लिए तयशुदा नियम क़ानून हैं, जिनका पालन किया जाना चाहिए। हम इस आधार पर मामले की जाँच करेंगे।"
निशाने पर ईसाई?
बता दें कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और दूसरे कई जगहो पर ईसाइयों और ईसाई संस्थानो, उनके स्कूलों, गिरजाघरों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। उन पर ज़बरन धर्मांतरण का आरोप भी लगातार बढ़ रहा है।
मिशनरी स्कूल पर हमला
मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की बढ़ती वारदातों के बीच विदिशा ज़िले में एक ईसाई मिशनरी स्कूल पर हमले की घटना सामने आई है।
गंज बसोदा कस्बे के सेंट जोसेफ़ स्कूल परिसर में सैकड़ों की तादाद में लोग घुस गए, पत्थर फेंके, तोड़फोड़ की और नारे लगाए। यह शोर शराबा और हमला उस समय हो रहा था जब बारहवीं के गणित की परीक्षा चल रही थी और छात्र सवालों को हल करने में मशगूल थे।
सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि उत्तेजित भीड़ स्कूल परिसर के अंदर नारे लगा रही है और पत्थर फेंक रही है। वीडियो में यह भी दिखता है कि पुलिस वालों ने भीड़ को तितर बितर करने की कोशिश की। वहां मौजूद बच्चे और शिक्षक बाल-बाल बचे।
नन पर धर्मांतरण का आरोप
याद दिला दें कि इस साल 19 मार्च को बीजेपी और आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी के सदस्यों ने मध्य प्रदेश में चलती ट्रेन से चार ईसाई महिलाओं को ज़बरन उतरवा दिया था। उन पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया गया।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह को कड़ी चिट्ठी लिखी थी। इस मामले में 9 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था।