कर्नाटक के उड्डुपी शहर में लड़कियों के हिजाब का मसला अभी सुलझा नहीं है। यहां पर दिसंबर से ही इस मुद्दे पर हिजाब वाली छात्राएं आंदोलन कर रही हैं। उन्होंने हिजाब पर बैन लगाए जाने के खिलाफ क्लासेज (कक्षाओं) का बहिष्कार कर रखा है। कल यानी मंगलवार को हिजाब पहन कर छह छात्राओं ने क्लास में जाने की कोशिश की लेकिन उन्हें कॉलेज में घुसने से रोक दिया गया।
सोमवार को, उडुपी के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर गर्ल्स ने विरोध करने वाली छात्राओं को हिजाब के साथ आने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी। लेकिन कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज पर पुलिस भी तैनात करा रखी थी।
छात्राओं ने मीडिया को बताया कि हमसे कहा गया कि हम हिजाब हटाकर ही क्लास में प्रवेश कर सकते हैं। हम लोग मंगलवार को दोपहर 1.40 बजे तक कैंपस के अंदर बैठे रहे। कई लेक्चरर्स ने हमें अपनी लड़ाई छोड़ने और क्लास में आने के लिए कहा। छात्रा अल्मास ने कहा, हम हिजाब में ही कॉलेज आना जारी रखेंगे और इसे पहनकर क्लास में जाने की अनुमति मांगते रहेंगे।
वैसे भी कल यानी 1 फरवरी को विश्व हिजाब दिवस था। इसलिए छात्राओं ने हिजाब पहनकर इसे प्रतीकात्मक रूप से मनाया। छात्राओं ने मीडिया से कहा कि वे कानून का सहारा लेने की योजना बना रही हैं, क्योंकि कॉलेज प्रशासन इस मसले को हल करने में असमर्थ हैं। छात्राओं ने कहा, “हम कानूनी रूप से लड़ेंगे। कल हुई बैठक में हम हिजाब के बिना कक्षाओं में जाने के लिए तैयार नहीं हुए। हमने अधिकारियों को समझाने के लिए हर संभव कोशिश की है। छात्राओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक रघुपति भट्ट, जो कॉलेज समिति के अध्यक्ष भी हैं ने उन्हें धमकी दी है कि वे क्लास में घुसकर दिखाएं।
भट्ट ने छात्राओं पर विरोध प्रदर्शन जरिए कॉलेज का माहौल खराब करने का आरोप लगाया है। विधायक ने कहा कि परीक्षा नजदीक है। किसी को अराजकता पैदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कॉलेज की हिजाब वाली छात्राओं ने विश्व हिजाब दिवस के मौके पर शहर में आयोजित एक संगोष्ठी में भी भाग लिया।
मामला हाईकोर्ट पहुंचा
सरकारी पीयू कॉलेज की एक छात्रा के कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब के मामले को एक याचिका के जरिए उठाया है। छात्रा ने अपनी याचिका में कहा है कि: "हिजाब पहनना मेरे देश के संविधान द्वारा मुझे दिया गया अधिकार है और मैं इसे पहनूंगी।" छात्राओं ने बताया कि कॉलेज की समिति ने विवादास्पद मुद्दे पर एक बैठक बुलाई और चार छात्राओं को बिना हिजाब कक्षाओं में भाग लेने का निर्देश दिया। लेकिन हमने निर्देश मानने से इनकार कर दिया, उसमें हमें धमकी दी गई थी।
छात्राओं ने विधायक रघुपति भट्ट के उस बयान का खंडन किया, जिसमें उन्होंने छात्राओं द्वारा बिना हिजाब क्लास में आने पर सहमति व्यक्त की थी। छात्राओं ने दावा किया कि विधायक रघुपति भट्ट ने गलत बयान दिया है। वो बार-बार बयान बदल कर माहौल बिगाड़ रहे हैं। हम कॉलेज में हिजाब के साथ ही आएंगे, यह हमारा संवैधानिक अधिकार है।इसी कॉलेज की एक ईरानी छात्रा, आलिया अल-असदी ने सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मानना है कि हिजाब पहनना एक संवैधानिक अधिकार है जिसे छीनने का अधिकार किसी के पास नहीं है। उसने ट्विटर पर लिखा, "हम हिजाब पहनकर कॉलेज आते रहेंगे क्योंकि सरकारी कॉलेज पूरी तरह से करदाताओं (टैक्सपेयर्स) के पैसे से चलता है।"