ग़ज़ा में आख़िरकार रविवार को युद्धविराम लागू हो गया। हमास द्वारा रिहा किए जाने वाले पहले तीन इसराइली बंधकों के नाम जारी करते ही 15 महीने से चल रहा युद्ध रुक गया। इस युद्ध ने मध्य पूर्व में तबाही ला दी है और राजनीतिक उथल-पुथल ला दिया है।
इसराइल ने कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आदेश पर आखिरी समय में हुई देरी के बाद ग़ज़ा में हमास के साथ युद्धविराम भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2:45 बजे शुरू हुआ। यह पहले तय समय से लगभग तीन घंटे बाद शुरू हुआ। बता दें कि हमास द्वारा तीन बंधकों के नाम न बताए जाने के कारण युद्धविराम शुरू होने में ये देरी हुई।
इसराइल ने पहले तब तक लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया था जब तक उसे रिहा किए जाने वाले बंधकों के नाम नहीं मिल जाते। उन्हें हमास के सशस्त्र विंग ने लगभग दो घंटे देरी से सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। ऐसा लगता है कि इससे युद्धविराम की शुरुआत की राह खुल गई। एपी की रिपोर्ट के अनुसार हमास ने नाम सौंपने में देरी के लिए 'तकनीकी कारणों' को जिम्मेदार ठहराया।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार हमास द्वारा अपहृत बाक़ी के 98 इसराइली बंधकों में से कुल 33 को युद्ध विराम के दौरान रिहा किए जाने की संभावना है। इसी तरह, इसराइल लगभग 2,000 फिलिस्तीनियों को भी रिहा करेगा जो वर्तमान में उसकी कई जेलों में बंद हैं।
युद्ध विराम से क्या होगा?
युद्ध विराम से 15 महीने से चल रहा युद्ध रुक जाएगा और ग़ज़ा पट्टी में हमास द्वारा बंधक बनाए गए दर्जनों बंधकों के साथ-साथ इसराइल द्वारा कैद किए गए सैकड़ों फिलिस्तीनियों की रिहाई होगी। इसराइल के मंत्रिमंडल ने शनिवार की सुबह युद्ध विराम समझौते को मंजूरी दे दी।
युद्धरत पक्षों- इसराइल और ग़ज़ा के बीच महीनों की अप्रत्यक्ष वार्ता में संयुक्त राज्य अमेरिका, कतर और मिस्र द्वारा मध्यस्थता से युद्ध विराम संभव हुआ।
नवंबर में भी हुआ था युद्धविराम
पिछले साल 24 नवंबर को भी कुछ दिनों के लिए युद्धविराम शुरू हुआ था। उसको दो बार बढ़ाया गया था। इस युद्धविराम के दौरान ग़ज़ा में रखे गए 105 बंधकों और इसराइली जेलों में बंद 240 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई हुई थी। ग़ज़ा में मानवीय सहायता भी पहुँच पाई थी।
युद्ध में क्या नुक़सान?
हमास द्वारा इसराइल पर अभूतपूर्व हमला करने के बाद लगभग 15 महीने से मध्य पूर्व में गंभीर सुरक्षा स्थिति बनी हुई है। हमास के हमले में लगभग 1200 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। इस हमले के बाद इसराइल ने ग़ज़ा में युद्ध छेड़ दिया जिसमें 41000 से अधिक लोग मारे गए। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं।