कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। लेकिन वो तब तक पद पर बने रहेंगे जब तक लिबरल पार्टी अपना नेता और अगला प्रधानमंत्री चुन नहीं लेती। सोमवार को इसकी घोषणा करने वाले ट्रूडो पार्टी में अपना समर्थन खो चुके हैं। चुनावों में भी उनकी लोकप्रियता कम हो गई है।
गवर्नर जनरल मैरी साइमन ने 24 मार्च तक संसद को स्थगित कर दिया है।। इससे लिबरल पार्टी को अपना नया नेतृत्व चुनने में मदद मिलेगी। ट्रूडो ने ही इसका अनुरोध किया था। जनमत सर्वेक्षणों में आकलन यह था कि वह 10 साल तक पद पर रहने के बाद अब चुनाव हार जायेंगे। वह 2013 में लिबरल पार्टी के नेता और 2015 में पीएम बने।
अब आगे क्याहालांकि यहां मार्च तक नया नेता और पीएम बनाने की बातें हो रही हैं। लेकिन कनाडाई नेताओं का चयन विशेष नेतृत्व सम्मेलनों के जरिये किया जाता है, जिसे आयोजित करने में कई महीने लग सकते हैं। ट्रूडो ने पार्टी से कहा है कि वो अपना नया नेता तलाशने की प्रक्रिया शुरू कर दे।
- लिबरल पार्टी के अध्यक्ष सचित मेहरा ने कहा, “आज (सोमवार) जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की लिबरल पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा देने की घोषणा की। लिबरल पार्टी के संविधान के अनुसार, मैं पार्टी के नए नेता के चयन की राष्ट्रव्यापी लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए इस सप्ताह होने वाली राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक बुलाऊंगा।
सचिन मेहरा ने कहा- "देश भर के उदारवादी हमारी पार्टी और देश में एक दशक से अधिक के नेतृत्व के लिए जस्टिन ट्रूडो के बहुत आभारी हैं। 2013 में नेतृत्व जीतने के बाद, ट्रूडो ने हमारी पार्टी को फिर से खड़ा किया, जिससे यह कनाडाई राजनीति में सबसे खुला और सभी को साथ लेकर चलने वाला आंदोलन बन गया। इससे हम 2015 में बहुमत वाली सरकार तक पहुंचे और 2019 और 2021 में कनाडा को सभी के लिए आगे बढ़ाने के लिए लगातार जनादेश दिया।"
जस्टिन ट्रूडो की जगह कौन ले सकता हैः चुनावी हार की संभावना कुछ अच्छे उम्मीदवारों को रोक सकती है। हालाँकि, जो लोग रेस में हैं उनमें इनोवेशन मंत्री फ्रेंकोइस-फिलिप शैंपेन, परिवहन मंत्री अनीता आनंद, विदेश मंत्री मेलानी जोली और साथ ही पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ़्रीलैंड शामिल हैं। बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी भी इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं. लेकिन, परंपरा के मुताबिक कार्नी, जो वर्तमान में ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के अध्यक्ष हैं, को पार्टी नेतृत्व जीतने पर पद ग्रहण करने के लिए संसद में एक सीट की जरूरत पड़ेगी। यानी उन्हें किसी सीट से जीतकर आना होगा।