दिल्ली के रोहिणी कोर्ट परिसर में गैंगस्टरों ने आज फ़ायरिंग कर दी। इसके बाद पुलिस से बदमाशों की मुठभेड़ हो गई। दिल्ली पुलिस के अनुसार इसमें तीन लोग मारे गए हैं। मारे गए लोगों में से दो हमलावर हैं। पहले हमलावरों ने एक गैंगस्टर पर पेशी के दौरान फ़ायरिंग की थी और फिर बाद में पुलिस ने हमलावरों को मार गिराया। हालाँकि, शुरुआत में एएनआई ने पुलिस के हवाले से ख़बर दी थी कि इसमें तीन हमलावार सहित चार बदमाश मारे गए थे।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के हवाले से ख़बर आई कि हमलावर वकीलों के भेष में अदालत परिसर में घुसे थे। पुलिस द्वारा सुनवाई के लिए गैंगस्टर जितेंद्र मान 'गोगी' को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट लाए जाने के दौरान हमलावरों ने उस पर गोलियाँ चला दीं। गोगी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन पुलिस ने कहा है कि बाद में गोगी की भी मौत हो गई। इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अदालत परिसर में फायरिंग सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला है। ऐसा इसलिए कि अदालत परिसर में घुसने से पहले हर किसी की अच्छी तरह तलाशी ली जाती है। कुख्यात गैंगस्टरों के लाए जाने पर तो चौकसी और ज़्यादा बढ़ाई जाती है। सुरक्षा पर सवाल इसलिए भी है कि यह देश की राजधानी दिल्ली की एक अदालत का मामला है। और सबसे बड़ी बात यह है कि काउंटर इंटेलिजेंस की एक टीम गोगी और उनके सहयोगियों की अदालती सुनवाई के दौरान उनके साथ रहती थी। ऐसा होने के बावजूद अपराधियों का ऐसा दुस्साहस कैसे हो गया? कैसे इस तरह की सुरक्षा में भी सेंध लगाकर उन्होंने अदालत में फ़ायरिंग कर दी?
कुख्यात गैंगस्टर जितेंद्र गोगी कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा था। वह तिहाड़ में जेल में बंद था। उसको शुक्रवार को अदालत में पेश किया जा रहा था। इसी दौरान जब एक प्रतिद्वंद्वी गिरोह के बदमाश वकीलों के रूप में अदालत में दाखिल हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार जितेंद्र मान से दुश्मनी रखने वाले 'टिल्लू' गैंग ने इस घटना को अंजाम दिया।
फायरिंग के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मियों में तेल हलचल है और लोग चीखते-चिल्लाते इधर-उधर भागते हुए देखे जा सकते हैं।
टिल्लू गैंग का नेतृत्व सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया करता है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार कुछ महीने पहले ही गोगी का सहयोगी कुलदीप उर्फ फज्जा कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश होने पर पुलिस हिरासत से भागने में सफल रहा था। तब से काउंटर इंटेलिजेंस की एक टीम गोगी और उनके सहयोगियों की अदालती सुनवाई के दौरान उनके साथ थी।पुलिस के मुताबिक़ गोगी और उसका प्रतिद्वंद्वी सुनील उर्फ टिल्लू सालों से अलीपुर और सोनीपत में रंगदारी का रैकेट चलाते रहे हैं। दोनों गिरोहों के बीच लगातार हो रहे कलह का अंत अक्सर खूनखराबे में होता रहा है। पिछले छह वर्षों में दोनों गिरोहों के 10 से अधिक सदस्य मारे गए हैं।
पहले भी कोर्ट में हो चुकी है फ़ायरिंग
राजधानी दिल्ली की अदालतों में फ़ायरिंग का यह मामला कोई अकेला नहीं है। इससे पहले भी कई बार फायरिंग हो चुकी है। इसी साल जुलाई महीने में द्वारका कोर्ट परिसर के अंदर फ़ायरिंग की घटना में पेशी के लिए आए एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वह शख्स एक आपराधिक मामले की सुनवाई के लिए द्वारका अदालत परिसर में मौजूद था। उसी दौरान एक अज्ञात आरोपी उस पर फायरिंग कर कोर्ट परिसर से फरार हो गया था। 2016 के मार्च महीने में दिल्ली के द्वारका कोर्ट के बाहर दो युवकों ने एक व्यक्ति को निशाना बनाते हुए फायरिंग की थी। फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई थी और एक घायल हो गया था।
कड़कड़डूमा कोर्ट का मामला काफ़ी चर्चित रहा था। दिसंबर 2015 में 4 नाबालिगों ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में कोर्ट रूम में घुसकर जज के सामने ही क़रीब 8 राउंड फायरिंग कर दी थी। इस वारदात में जज तो बाल-बाल बच गए थे लेकिन दिल्ली पुलिस के एक हेडकांस्टेबल की मौत हो गई थी। एक अपराधी भी घायल हो गया था।