किसानों ने अपने ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ मंगलवार सुबह करीब 10 बजे फतेहगढ़ साहिब से मार्च शुरू किया और शंभू सीमा से होते हुए दिल्ली की ओर बढ़े। फतेहगढ़ साहिब और शंभू सीमा के बीच की दूरी लगभग 35-40 किमी है। लेकिन शंभू बॉर्डर पर उन पर हरियाणा पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले बरसाए, लाठियां मारीं लेकिन किसान कोशिश में जुटे हुए हैं। किसानों ने अपनी ट्रैक्टर ट्रालियों को बहुत पीछे रखा हुआ है, ताकि उन्हें नुकसान न हो।
किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉलियों के काफिले में बुजुर्ग, युवा और महिलाओं को इन पर बैठे देखा गया। जलाऊ लकड़ी, ईंधन, राशन, बर्तन, अस्थायी बाथरूम और यहां तक कि पंखे और कूलर से लदे ट्रैक्टरों की संख्या 1,100 से अधिक है। इसका मतलब है कि उन्होंने किसी न किसी स्थान पर रुकने की योजना बनाई है। वो जगह शंभू बॉर्डर से लेकर दिल्ली की सीमा हो सकती है। यानी अभी कुछ तय नहीं है। क्योंकि किसान तो दिल्ली आना चाहते हैं लेकिन हरियाणा ने ताकत के दम पर उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक दिया है।
हरियाणा में अधिकारियों ने मार्च को विफल करने के लिए कंक्रीट ब्लॉकों, लोहे की कीलों और कंटीले तारों का इस्तेमाल करके अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं को सील कर रखा है। पंजाब और हरियाणा सीमा पर कई स्थानों पर वाटर कैनन सहित दंगा नियंत्रण वाहन भी तैनात किए गए हैं। सुरक्षाकर्मी ड्रोन से न सिर्फ आंसू के गैस के गोले दाग रहे हैं, बल्कि नजर भी रख रहे हैं।
हरियाणा में, विभिन्न जिलों में अर्धसैनिक बलों की 64 कंपनियां और हरियाणा पुलिस की 50 कंपनियां तैनात हैं। दिल्ली में भी कई बॉर्डर पर मल्टी-लेयर बैरिकेड्स, कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटेनरों की दीवारों के साथ सुरक्षा बढ़ा दी गई है।