पांच राज्यों में चुनाव संपन्न होने के बाद अब 3 दिसंबर को चुनावी नतीजें आयेंगे। चुनावी एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होती दिख रही है।
मध्य प्रदेश को लेकर आए ज्यादातर सर्वे में भाजपा को आगे दिखाया गया है लेकिन कुछ सर्वे कांग्रेस को आगे बता रहे हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं। यहां सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत है।
दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल सर्वे में भाजपा को 95 से 115 सीटें मिलने की बात कही गयी है जबकि यह सर्वे कहता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 105 से 120 सीटें मिल सकती हैं। दैनिक भास्कर का सर्वे कहता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन सकती है।
इंडिया टुडे-एक्सिस के सर्वे में मध्य प्रदेश में भाजपा को 140 से 162 सीटें और कांग्रेस को 68 से 90 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। यह सर्वे कहता है कि मध्य प्रदेश मं भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
इंडिया टीवी - सीएनएक्स का सर्वे कहता है कि मध्य प्रदेश में भाजपा को 140 से 159 सीटें और कांग्रेस को 70 से 89 सीटें मिल सकती हैं। यह सर्वे बताता है कि राज्य में भाजपा की बहुमत के साथ सरकार बनने जा रही है।
मध्य प्रदेश में रिपब्लिक मैट्रिज के सर्वे में भाजपा को 118 से 130 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस को 97 से 107 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। इस सर्वे में राज्य में भाजपा की सरकार बनने की संभावना जताई गई है।
न्यूज 24 टुडेज चाणक्य के सर्वे में भाजपा को 151 सीटें और कांग्रेस को 74 सीटें मिलने का दावा किया गया है। यह सर्वे कहता है कि मध्य प्रदेस में भाजपा की सरकार बन सकती है।
जन की बात के सर्वे में भाजपा को 100 से 123 और कांग्रेस को 102 से 125 सीटें मिलने का दावा किया गया है। यह सर्वे बताता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है।
एबीपी न्यूज-सी वोटर सर्वे में भाजपा को 88 से 112 सीटें और कांग्रेस को 113 से 137 सीटें मिलने का दावा किया गया है। मध्य प्रदेश में एबीपी न्यूज-सी वोटर सर्वे कहता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन सकती है।
मध्यप्रदेश में एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान करवाया गया था। फिलहाल राज्य में भाजपा की सरकार है। 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस को जीत मिली थी। हालांकि सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई थी।
कमलनाथ सरकार पार्टी में सिंधिया गुट के विधायकों की बगावत के बाद गिर गई थी। इसके बाद राज्य में फिर से भाजपा की सरकार बनी थी। इससे पूर्व 2013, 2008 और 2003 के चुनावों मे भाजपा को जीत मिली थी।
2023 के चुनाव में दोनों ही दलों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। किसे जीत मिलती है यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा लेकिन एग्जिट पोल ने सभी की धड़कने बढ़ा दी हैं। अब सबका ध्यान 3 दिसंबर के चुनावी नतीजों पर है।