दक्षिण-पश्चिमी सऊदी अरब में स्थित आभा एयरपोर्ट पर मंगलवार को ड्रोन हमला हुआ है। इसमें 8 लोग घायल हो गए हैं और एक विमान को भी नुक़सान पहुंचा है। स्थानीय मीडिया के हवाले से यह जानकारी आई है। आभा एयरपोर्ट पर पिछले 24 घंटे में यह दूसरा ड्रोन हमला है। अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है।
सऊदी अरब के नेतृत्व में बना सैन्य गठबंधन यमन के हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ 2015 से जंग लड़ रहा है। इस जंग में सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स को, सैन्य ठिकानों को और तेल से जुड़े निर्माणों को निशाना बनाया जा चुका है।
इस सैन्य गठबंधन ने कहा है कि उसने इस विस्फ़ोटक ड्रोन को इंटरसेप्ट कर मार गिराया था। गठबंधन ने चेताया है कि लगातार दूसरा हमला युद्ध अपराध की तरह है। गठबंधन की ओर से हमले के बारे में इससे ज़्यादा जानकारी नहीं दी गई है। हमले के बाद फ्लाइट्स के साथ ही आम लोगों को भी एयरपोर्ट पर रोक दिया गया।
ईरान के द्वारा समर्थित हूती विद्रोहियों ने अगस्त के महीने में ड्रोन और मिसाइल से जुड़े कई हमले किए हैं। सऊदी अरब ने यमन में चल रही इस जंग में 2015 में दख़ल दिया था।
2014 से चल रही जंग
यमन में चल रही यह जंग 2014 में शुरू हुई थी, जब विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सन्ना और देश के उत्तरी इलाक़े को घेर लिया था। इसके बाद सऊदी के नेतृत्व में बने सैन्य गठबंधन ने यहां दख़ल देकर हूती विद्रोहियों को खदेड़ने का काम शुरू किया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता प्राप्त सरकार को बहाल किया था।
इस जंग में अब तक 1,30,000 लोगों की जान जा चुकी है, लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी इसे दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट करार दिया जा चुका है।
संयुक्त राष्ट्र की कोशिश इस जंग को ख़त्म करने की है लेकिन हूती विद्रोहियों की मांग है कि सन्ना के एयरपोर्ट को फिर से खोला जाए। विद्रोहियों का कहना है कि उसके बाद ही किसी तरह की बातचीत शुरू होगी। यह एयरपोर्ट 2016 से बंद है।