महाराष्ट्र विधानसभा में देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर से पेन ड्राइव ‘बम’ फोड़ा है। फडणवीस ने इस पेन ड्राइव को इस बार महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील को सौंपा है। फडणवीस ने आरोप लगाया है कि मुम्बई के पूर्व पुलिस अधिकारी इसाक बागवान ने दाऊद से जुड़े शख्स से प्रॉपर्टी पुणे के बारामती में खरीदी थी जिसकी डील में मुम्बई के एक बड़े नेता ने मिडलमैन का काम किया था। देवेंद्र फडणवीस ने जो पेन ड्राइव गृहमंत्री को दिया है उसमें इसाक बागवान के भाई की बातचीत का स्टिंग है जिसमें वह कुबूल कर रहा है कि बागवान ने दाऊद के गुर्गे से संपत्ति खरीदी थी। ठाकरे सरकार ने फडणवीस द्वारा लगाए गए आरोपों की जाँच स्टेट सीआईडी से कराने का फ़ैसला किया है।
जब से महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ है तभी से महाराष्ट्र में विपक्ष में बैठी बीजेपी महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर है। देवेंद्र फडणवीस आए दिन विधानसभा में एक पेन ड्राइव पेश करते हैं और सरकार को कटघरे में खड़ा कर देते हैं। गुरुवार को भी उन्होंने ऐसा ही किया।
इस बार फडणवीस ने मुंबई पुलिस के एक पूर्व एसीपी इसाक बागवान पर अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने के आरोप लगाए हैं।
फडणवीस ने कहा कि इसाक बागवान ने बारामती में जो जमीन खरीदी थी दरअसल उसका सौदा महाराष्ट्र के एक बड़े नेता ने मिडिलमैन के तौर पर कराया था। हालाँकि फडणवीस ने उस नेता के नाम का जिक्र विधानसभा में नहीं किया जिसने इसाक बागवान और दाऊद इब्राहिम के गुर्गे के बीच मिडिलमैन का काम किया था।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि चूँकि यह मामला मुंबई पुलिस के पूर्व एसीपी से जुड़ा हुआ है इसलिए इस मामले की जाँच सीबीआई से कराई जाए क्योंकि जब मुंबई पुलिस के अधिकारी ही इस तरह के संगीन अपराधों में शामिल हैं तो फिर यह जाँच साफ-सुथरे तरीक़े से नहीं की जा सकती है।
इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में पिछले हफ्ते भी एक पेन ड्राइव ‘बम’ फोड़ा था। फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार को फिर से दाऊद इब्राहिम के मुद्दे पर घेरा था। उन्होंने महाराष्ट्र वक्फ़ बोर्ड के मेंबर डॉ. मुदस्सिर लांबे और डी कंपनी के गुर्गे अरशद खान के बीच बातचीत का एक ऑडियो विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था जिसमें लांबे गुर्गे अरशद खान से लेनदेन को लेकर बातचीत करता हुआ दिख रहा था। आपको बता दें कि महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री नवाब मलिक के विभाग से जुड़ा हुआ है इसलिए सीधे तौर पर निशाना नवाब मलिक को बनाया गया था।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील का कहना है कि फडणवीस द्वारा लगाए गए आरोपों और पेन ड्राइव के सबूतों की जाँच की जाएगी। वलसे पाटिल का कहना है कि फडणवीस ने जो आरोप लगाए हैं सरकार उसकी जांच स्टेट सीआईडी से कराएगी।
उधर फडणवीस का कहना है कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं उसमें पुलिस के लोग भी शामिल हैं इसलिए इस मामले की जांच निष्पक्ष तौर पर पुलिस नहीं कर सकती है। यही कारण है कि उन्होंने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। फडणवीस ने कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर सीबीआई से जांच कराने की इजाजत नहीं देती है तो वह फिर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने पिछले हफ़्ते महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर बहुत ही संगीन आरोप लगाए थे। देवेंद्र फडणवीस ने 130 घंटे की रिकॉर्डिंग का एक पेन ड्राइव विधानसभा अध्यक्ष को सौंपने के बाद जो आरोप लगाया था उससे महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया था। फडणवीस ने विधानसभा में कहा था कि महाराष्ट्र सरकार मिलकर विपक्ष के बड़े नेताओं को झूठे केसों में फँसाकर उन्हें राजनीतिक शिकार बनाना चाहती है। फडणवीस ने महाराष्ट्र के विशेष सरकारी वकील प्रवीण चव्हाण का 130 घंटे का एक स्टिंग ऑपरेशन विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था जिसमें वह एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील और दूसरे बड़े मंत्रियों नाम लेकर गिरीश महाजन, देवेंद्र फडणवीस और दूसरे अन्य नेताओं को झूठे मुक़दमे में फँसाने के लिए बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे थे।
देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा था कि विपक्ष के कई बड़े नेताओं को पिछले काफ़ी समय से झूठे केसों में फंसाने के लिए सरकार की तरफ से कोशिशें चल रही थीं। फडणवीस ने कहा कि विशेष सरकारी वकील प्रवीण चव्हाण को महाराष्ट्र सरकार की तरफ़ से कई बड़े केसों को संभालने की ज़िम्मेदारी दी गई थी। पिछले साल महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और बीजेपी के विधायक गिरीश महाजन पर एक झूठे मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई। स्टिंग ऑपरेशन का जो वीडियो देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था उसमें विशेष सरकारी वकील प्रवीण चव्हाण यह कहते हुए दिखाई पड़ रहे थे कि एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील के कहने पर गिरीश महाजन, देवेंद्र फडणवीस, संजय कुटे और दूसरे बड़े बीजेपी के नेताओं को झूठे केसों में फँसाना है।