दक्षिण दिल्ली एमसीडी स्कूलों में आदेश- 'धार्मिक पोशाक' नहीं चलेगी

05:07 pm Feb 25, 2022 | सत्य ब्यूरो

कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में उठा हिजाब विवाद क्या अब दिल्ली में आ धमका है? दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की शिक्षा समिति की अध्यक्ष, भाजपा पार्षद नीतिका शर्मा ने अधिकारियों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कोई भी बच्चा 'धार्मिक पोशाक' में स्कूलों में न आए।

दिल्ली का यह मामला तब आया है जब कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में अदालत में सुनवाई चल रही है और इस पर अभी भी फ़ैसला आना बाक़ी है। हालाँकि, इस बीच देश के अलग-अलग जगहों से स्कूलों में हिजाब और पगड़ी पहनने का मुद्दा सामने आ रहा है।

हाल ही में बेंगलुरु के माउंट कार्मेल पीयू कॉलेज का मामला आया था। उसमें एक अमृतधारी सिख लड़की को अपनी पगड़ी उतारने के लिए कहा गया। इसको लेकर तमाम सिख संगठनों ने कॉलेज पर कार्रवाई की मांग की है। माउंट कार्मेल पीयू कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों के कुछ अभिभावकों ने भी पहले अपनी बेटियों को हिजाब की वजह से निशाना बनाए जाने की शिकायत की थी। लेकिन कॉलेज ने इस पर गौर नहीं किया था। बिहार में तो बैंक में एक महिला के हिजाब उतरवाने का विवाद हो गया था। इस पर सफ़ाई में बैंक के ब्रांच मैनेजर ने कहा कि कैशियर को हस्ताक्षर में गड़बड़ी महसूस हुई, जिसके चलते उसने महिला को पहचान के लिए अपना चेहरा दिखाने को कहा था।

इसी बीच अब दिल्ली के एमसीडी स्कूल का विवाद आया है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की शिक्षा समिति की अध्यक्ष, भाजपा पार्षद नीतिका शर्मा ने 'धार्मिक पोशाक' पर पाबंदी लगाने को कहा है।

द्वारका की पार्षद शर्मा ने पत्र में कहा, 'दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के तहत चलने वाले प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्कूल यूनिफॉर्म निर्धारित है, जिसमें वे बेहद खूबसूरत दिखते हैं। निगम समय-समय पर वर्दी का रंग बदलता रहता है, जिससे स्कूल में पढ़ने वाले अमीर और गरीब बच्चों के बीच कोई हीन भावना नहीं होती है। हाल ही में यह पाया गया है कि कुछ माता-पिता अपने बच्चों को धार्मिक पोशाक में स्कूल भेजते हैं, जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। यह कदम बच्चों में असमानता की मानसिकता पैदा करेगा, जो उनके भविष्य के लिए ठीक नहीं है।' उन्होंने कहा है कि केवल प्रतियोगिता और उत्सव के दिन ही अलग वर्दी में बच्चे आ सकते हैं।

शर्मा ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि उन्होंने तुखमीरपुर स्कूल में हुई घटना के बाद पत्र लिखने का फैसला किया था। 

बता दें कि कुछ दिन पहले ही उत्तर पूर्वी दिल्ली के तुखमीरपुर में दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में हिजाब उतरवाने का विवाद आया था। रिपोर्ट है कि कक्षा छह की एक छात्र के माता-पिता ने क्षेत्र के विधायक से शिकायत की कि उनकी बेटी को उसके शिक्षक द्वारा हिजाब हटाने के लिए कहा गया था।

दिल्ली में, पब्लिक स्कूलों को दो श्रेणियों में बाँटा गया है। एक तो दिल्ली सरकार द्वारा संचालित हैं और दूसरे जो नगर निगमों द्वारा संचालित हैं। नगर निगम केवल पांचवीं कक्षा तक के स्कूल चला सकते हैं, जबकि दिल्ली सरकार पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने साफ़ किया है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।