पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि आपकी आलोचना करने पर कांग्रेस समर्थक मुझे ट्रोल कर रहे हैं।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस पत्र को सोशल मीडिया साइट एक्स पर भी पोस्ट किया है। उनका यह पत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि वह खुद कांग्रेस पार्टी की सक्रिय सदस्य रह चुकी हैं।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल गांधी से इस पत्र में कहा है कि 'नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान' का आपका पसंदीदा नारा आपके समर्थकों के कानों में नहीं पड़ रहा है।
उन्होंने इस पत्र में राहुल गांधी से न्याय की मांग की है। कहा कि आपकी और कांग्रेस की आलोचना करने के चलते कांग्रेस समर्थक मुझे सोशल मीडिया पर ट्रोल कर रहे हैं।
शर्मिष्ठा ने अपने इस पत्र में राहुल गांधी से कहा है कि कांग्रेस समर्थकों द्वारा मेरे पिता प्रणब मुखर्जी को भी अपशब्द कहे जा रहे हैं। इसलिए मुझे न्याय चाहिए।
उन्होंने लिखा है कि आपके समर्थक आपकी आलोचना करने वालों पर सारी नफरत झोंक देते हैं। अगर आप न्याय को लेकर गंभीर हैं, तो ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लें।
आप जानते हैं कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में केवल किसी की प्रशंसा करना शामिल नहीं है। इसमें आलोचनाओं को शालीनता से सहन करने की क्षमता भी शामिल होती है। इस बात को आप अपने समर्थकों को समझाने में नाकाम रहे हैं।
शर्मिष्ठा मुखर्जी का यह पत्र ऐसे समय में सामने आया है जब कांग्रेस के समर्थक उनके जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में दिए गये एक बयान को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं।
5 फरवरी को जयपुर लिटरेचर में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि कांग्रेस ने पिछले दो लोकसभा चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में हारे हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को अपने चेहरे के बारे में सोचना चाहिए।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब 'प्रणब माई फादर' में राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता को लेकर भी कई दावे किए हैं।
उन्होंने 'प्रणब माई फादर' पुस्तक में लिखा है कि प्रणब मुखर्जी मानते थे कि राहुल गांधी में कांग्रेस को दुबारा मजबूत करने की योग्यता नहीं है।
शर्मिष्ठा के जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में दिए गए बयान और उनकी किताब में राहुल गांधी को लेकर कही गई इन बातों के कारण सोशल मीडिया पर कांग्रेस समर्थक उन्हें लगातार ट्रोल कर रहे हैं। इससे परेशान होकर उन्होंने राहुल गांधी को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा है कि मेरी किताब प्रकाशित होने के बाद से ही मुझे और मेरे पिता को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है।
जाने क्या लिखा है पत्र में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने
राहुल गांधी को लिखे अपने पत्र में शर्मिष्ठा ने लिखा है कि एक महीने पहले मेरी पुस्तक "प्रणब माई फादर: ए डॉटर रिमेम्बर्स" के प्रकाशन के बाद से, मुझे और मेरे पिता को सोशल मीडिया पर आपके समर्थकों द्वारा क्रूर और लगातार ट्रोल किया जा रहा है।पुस्तक में मेरे पिता की डायरियों में आपके बारे में की गई कुछ टिप्पणियाँ शामिल हैं जो बहुत प्रशंसात्मक नहीं हैं। हालांकि, जैसा कि आप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पथप्रदर्शक प्रतीत होते हैं, आपको पता होना चाहिए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में केवल किसी की प्रशंसा करना शामिल नहीं है, बल्कि आलोचना को शालीनता से सहन करने की क्षमता भी शामिल है।
लेकिन ऐसा लगता है कि आप अपनी बात मनवाने में भी बुरी तरह विफल रहे हैं। यह हमारे संविधान द्वारा दिए गए सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में से एक है जो कांग्रेस के मूल मूल्यों में से भी एक है।
उन्होंने लिखा है कि,आपके अनुयायी आपकी आलोचना करने की हिम्मत करने वाले किसी भी व्यक्ति पर अपनी सारी "नफ़रत" फैला देते हैं।
आप यह तर्क दे सकते हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में आपके अनुयायियों द्वारा मेरी आलोचना करने का अधिकार भी शामिल हैं। निश्चित रूप से ऐसा होता है। लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार किसी को भी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए दुर्व्यवहार करने की छूट नहीं देता है।
जहां तक मैं इसे समझती हूं यह कांग्रेस के मूल्यों के खिलाफ है। शायद आप कुछ नई कांग्रेसी 'संस्कृति' की शुरुआत कर रहे हैं। चूंकि आप सार्वजनिक रूप से कांग्रेस की सहिष्णुता और उदार मूल्यों के 'रक्षक' होने का दावा करते हैं, इसलिए मैंने आपके अनुयायियों के व्यवहार को आपके ध्यान में लाने का फैसला किया है।
उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि कुछ दिन पहले जयपुर लिट फेस्ट के मौके पर एक साक्षात्कार में मैंने कांग्रेस का नेतृत्व करने की आपकी क्षमता पर संदेह व्यक्त किया था। आपके अभियान का चेहरा होने के कारण आपके नेतृत्व में, कांग्रेस को दो लोकसभा चुनावों में विनाशकारी हार का सामना करना पड़ा और तीसरा चुनाव निकट आ गया।
कांग्रेस में अपना विश्वास व्यक्त करते हुए (चाहे आप विश्वास करें या न करें, मैं कट्टर कांग्रेसी हूं) मैं मानती हूं कि यह अभी भी मुख्य विपक्षी दल है और अभी भी इसकी मजबूत राष्ट्रीय उपस्थिति है।
कांग्रेस में नेतृत्व के लिए शायद अब गांधी-नेहरू परिवार से परे देखने का समय आ गया है। मेरा मानना है कि एक नागरिक के रूप में और एक कांग्रेस समर्थक होने के कारण पार्टी और उसके बारे में अपने विचार व्यक्त करना मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस पत्र में लिखा है कि, मेरी राय में, अब आगे बढ़ने और नये नेतृत्व की तलाश करने का समय आ गया है।
राहुल गांधी को इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि,आपके अनुयायियों के दिमाग में, आप और आपका परिवार कांग्रेस का पर्याय बन गए हैं, बिना यह जाने कि कांग्रेस किसी भी व्यक्ति या परिवार से कहीं अधिक महान थी और है।
मैं और मेरे पिता प्रणब मुखर्जी, जो, यदि आपको याद हो, भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले आपकी पार्टी के वरिष्ठ नेता थे, कांग्रेस के 'समर्थकों' द्वारा भयानक ट्रोलिंग का शिकार हुए हैं, कभी-कभी सबसे खराब भाषा का उपयोग करते हुए।
आपके अनुयायियों के द्वारा जो तर्क दिए जा रहे हैं उससे यह प्रतीत होता है कि कांग्रेस और कांग्रेस सरकारों के भीतर मेरे पिता को मिला पद आपके परिवार द्वारा योग्यता या पार्टी में उनके योगदान पर विचार किए बिना दिए गए थे।
उन्होंने इस पत्र में राहुल गांधी से पूछा है कि अगर अपने समर्थकों की तरह आप भी यह मानते हैं और यह धारणा बनाना चाहते हैं कि कांग्रेस गांधी-नेहरू परिवार की निजी जमींदारी के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस में पद सामंती प्रभुओं की तरह आपके परिवार की सनक और इच्छा पर बांटे जाते हैं, बदले में पीढ़ियों तक दासता की उम्मीद करते हैं, तो कांग्रेस क्या है या क्या होनी चाहिए, इस बारे में आपके विचारों का स्वागत है।