सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत आगे बढ़ाने की अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। उन्होंने चिकित्सा आधार पर एक सप्ताह के लिए जमानत बढ़ाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट की एक अवकाश पीठ ने कहा कि वह उनकी याचिका को केवल मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेजेंगे, जो तय करेंगे कि इस पर कब सुनवाई होगी।
जस्टिस जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सीजेआई इस याचिका को सूचीबद्ध करने पर उचित निर्णय लेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत सात दिन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने गंभीर बीमारी के लक्षण बताते हुए इलाज के लिए समय मांगा है।
आम आदमी पार्टी की ओर से सोमवार को कहा गया था कि केजरीवाल का वजन सात किलोग्राम कम हो गया है और उनके शरीर में कीटोन का स्तर अधिक है। पार्टी ने कहा, 'ये किसी गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी जांच की। उन्हें पीईटी-सीटी स्कैन और कई अन्य जाँचों से गुजरना होगा। उन्होंने जांच कराने के लिए सात दिन का समय मांगा है।'
दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी अंतरिम जमानत याचिका मंजूर किए जाने के बाद 10 मई को रिहा किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। साथ ही उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा है।
अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था इस दौरान उनके द्वारा चुनाव प्रचार करने पर कोई रोक या पाबंदी नहीं रहेगी। वह मुख्यमंत्री कार्यालय या सचिवालय नहीं जा सकते हैं और मुख्यमंत्री के रूप में किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी नहीं कर सकते हैं।
केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ़्तार किया गया था और तब से वह जेल में थे। उनकी अंतरिम जमानत ख़त्म होने के एक दिन बाद 2 जून को उन्हें जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा।
केजरीवाल और आरोपी के बीच मैसेज के सबूत: ईडी
इधर, दिल्ली की स्थानीय अदालत में भी दिल्ली आबकारी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुनवाई हुई। ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपी वकील विनोद चौहान और अरविंद केजरीवाल के बीच संबंध के दावे किए हैं। दिल्ली की अदालत में ईडी ने कहा कि उन्हें अरविंद केजरीवाल और मामले में आरोपी विनोद चौहान के बीच हुए मैसेज के सबूत मिले हैं। ईडी ने दावा किया कि भेजे गए मैसेज में जजों से मिलने का भी जिक्र है।
विधायकों की खरीद-फरोख्त के दावे पर आतिशी को समन
दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को प्रवीण शंकर कपूर द्वारा दायर मानहानि मामले में दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी को समन जारी किया। मामला आतिशी के आरोपों से संबंधित है कि भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को तोड़ने का प्रयास किया। आतिशी को 29 जून को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आप के मामलों को चलाने की जिम्मेदारी संभालने वाले शीर्ष नेताओं में से एक आतिशी ने इस साल की शुरुआत में आरोप लगाया था कि भाजपा 25-25 करोड़ रुपये की पेशकश करके पार्टी विधायकों को खरीदने का प्रयास कर रही है। आतिशी के अलावा केजरीवाल ने भी दावा किया था कि भाजपा ने आप सरकार को गिराने के प्रयास में सात आप विधायकों को तोड़ने का प्रयास किया था। आप के इन आरोपों को बीजेपी खारिज कर दिया था और उन्हें झूठा और निराधार बताया था।
आतिशी ने बाद में यह भी दावा किया कि भाजपा ने उन्हें अपना राजनीतिक करियर बचाने के लिए पाला बदलने की पेशकश की थी। उन्होंने आरोप लगाया था, 'बीजेपी ने एक बहुत करीबी व्यक्ति के जरिए मुझसे संपर्क किया है। उन्होंने मुझे बीजेपी में शामिल होने के लिए कहा है और कहा है कि इससे मेरा राजनीतिक करियर बच जाएगा। उन्होंने धमकी दी है कि अगर मैं भाजपा में नहीं आयी तो ईडी मुझे एक महीने के भीतर गिरफ्तार कर लेगा।'