सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को कार्यालय खाली करने का आदेश दे दिया है। हालाँकि अदालत ने उसको क़रीब 4 महीने की मोहलत दे दी है। इसके साथ ही भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने आप से अपने कार्यालयों के लिए भूमि आवंटन के लिए भूमि एवं विकास कार्यालय से संपर्क करने को कहा।
शीर्ष अदालत ने सोमवार को यह फ़ैसला दिया। इसने आम आदमी पार्टी यानी आप को राउज एवेन्यू में अपना कार्यालय खाली करने के लिए इस साल 15 जून तक का समय दिया। कोर्ट ने कहा कि यह जमीन दिल्ली उच्च न्यायालय को अपने न्यायिक बुनियादी ढाँचे के विस्तार के लिए आवंटित की गई थी।
अदालत ने कहा, 'आगामी आम चुनावों के मद्देनज़र हम परिसर खाली करने के लिए 15 जून, 2024 तक का समय देते हैं ताकि जिला न्यायपालिका के ढाँचे का विस्तार करने के लिए आवंटित भूमि का शीघ्र उपयोग किया जा सके।'
दिल्ली की सत्ताधारी आप आदमी पार्टी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि आप देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों में से एक है। सिंघवी ने कहा, 'एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में हमें कुछ नहीं मिलता है। मुझे बदरपुर दिया गया है, जबकि बाक़ी सभी दल बेहतर जगहों पर हैं।'
उन्होंने कहा, 'हमने केंद्र से कहा है कि हमें एनडीएमसी क्षेत्र में एक केंद्रीय कार्यालय की ज़रूरत है। मुझे कोई और जगह दीजिए। वे मुझे बदरपुर दे रहे हैं।'
जब आप ने वैकल्पिक भूखंड हासिल करने के बाद ही इसे खाली करने पर जोर दिया, तो मुख्य न्यायाधीश ने सिंघवी को स्वतंत्र रूप से समाधान खोजने का निर्देश दिया और कहा, 'भूमि या भवन आवंटित कराने के लिए हमारे अच्छे कार्यालयों का उपयोग नहीं कर सकते हैं।'
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि पार्टी शीर्ष अदालत के आदेश का सम्मान करती है और उम्मीद करती है कि भाजपा इस मामले में कोई विरोधी और नकारात्मक साजिश नहीं करेगी।
आप प्रवक्ता ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार के भूमि और विकास विभाग को आम आदमी पार्टी को जमीन आवंटित करने का भी निर्देश दिया है। हम बस यही उम्मीद करते हैं कि बीजेपी कोई विरोधी और नकारात्मक राजनीति न करे और अन्य राष्ट्रीय दलों के समान स्थान पर हमें जमीन आवंटित करे।'