दिल्ली में चल रही जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है। हड़ताली डॉक्टर्स की स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ मंगलवार को मुलाकात भी हुई लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। बता दें कि जूनियर डॉक्टर्स एनईईटी पोस्ट ग्रेजुएट काउंसलिंग में हो रही देरी की वजह से मेडिकल कॉलेजों में दाखिला न मिलने के कारण आक्रोशित हैं। इसके अलावा कॉलेज के आवंटन में देर होने को लेकर भी वे नाराज हैं।
केंद्र सरकार का इस मामले में कहना है कि वह कुछ नहीं कर सकती क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। पिछले हफ्ते इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की थी।
डॉक्टर्स ने सोमवार रात को भी जोरदार प्रदर्शन किया था और मेडिकल सुविधाओं को पूरी तरह बंद करने की चेतावनी दी थी।
एम्स के डॉक्टर्स काम पर लौटे
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के समर्थन में एम्स की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन भी आगे आ गई थी। लेकिन मंगलवार रात को एम्स के डॉक्टर्स ने हड़ताल वापस ले ली।
उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर से एम्स में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं सामान्य हो जाएंगी।
पुलिस से हुई थी झड़प
डॉक्टर्स से मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने पुलिस के बर्ताव को लेकर खेद भी जताया।
बता दें कि जूनियर डॉक्टर्स ने सोमवार को जब सुप्रीम कोर्ट तक मार्च निकालने की कोशिश की थी तो इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई। इस दौरान कई लोग घायल हो गए महिला डॉक्टर्स ने आरोप लगाया कि मार्च के दौरान उनके साथ अभद्रता की गई और बल प्रयोग किया। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि उसने किसी तरह का बल प्रयोग किया।
पुलिस ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने 6 से 8 घंटे तक आईटीओ की ओर जाने वाली रोड के एक हिस्से को जाम कर दिया था और कई बार अनुरोध किए जाने के बाद भी जाम नहीं खोला।
देश में ओमिक्रॉन के बढ़ रहे संकट को देखते हुए जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण तमाम तरह की चिंताएं भी बढ़ गई हैं।
डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण 3 बड़े सरकारी अस्पतालों सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हुई हैं।