दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के पांच वार्डों के उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। पांच में चार वार्ड में उसने जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस को 1 वार्ड में जीत मिली है। दिल्ली के तीनों नगर निगमों में सत्ता में होने के बाद भी बीजेपी एक भी जगह नहीं जीत सकी।
मुसलिम कांग्रेस की ओर!
आम आदमी पार्टी को वार्ड नंबर 32 एन, (रोहिणी-सी), वार्ड नंबर 02-ई (त्रिलोकपुरी), वार्ड नंबर 08-ई (कल्याणपुरी) और वार्ड नंबर 62 एन (शालीमार बाग उत्तर) में जीत मिली है जबकि कांग्रेस वार्ड नंबर 41-ई (चौहान बांगर) में बड़े मतों के अंतर से जीती है। चौहान बांगर मुसलिम बहुल इलाक़ा है और यहां से कांग्रेस का जीतना इस बात का संकेत है कि दिल्ली में मुसलिम मतदाता एक बार फिर कांग्रेस की ओर लौट रहे हैं।
जीत के बाद आप की विधायक आतिशी मार्लेना ने कहा कि अब यह तय हो चुका है कि अगले साल होने वाले नगर निगम चुनाव में आप को ही जीत मिलेगी।
ये चुनाव नतीजे ऐसे वक़्त में अहम हैं जब दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसानों का आंदोलन चल रहा है और आम आदमी पार्टी ने किसानों को पूरा समर्थन दिया हुआ है।
दिल्ली में एमसीडी के चुनाव भले ही अगले साल हैं लेकिन दिल्ली का चुनावी माहौल इसे लेकर बेहद गर्म है और बीजेपी, कांग्रेस और आप तीनों ही काफी सक्रिय हैं। ख़ासकर आप बेहद आक्रामक है और दिल्ली के तीनों नगर निगमों में वह जनता के मुद्दों को उठा रही है।
आप ने लगाया जोर
दिल्ली में लगातार दो विधानसभा चुनाव बड़े अंतर से जीतने वाली आप 2017 में नगर निगम का चुनाव नहीं जीत सकी थी और तीनों नगर निगमों में उसे हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार अरविंद केजरीवाल ने नगर निगमों को फतेह करने के लिए पार्टी नेताओं से पूरा जोर लगाने को कहा है।
2017 में जीती थी बीजेपी
दक्षिण दिल्ली नगर निगम और उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 104-104 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 सीटें हैं। बीजेपी ने दक्षिण दिल्ली में 70, उत्तरी दिल्ली में 64 और पूर्वी दिल्ली में 47 सीटें जीतकर अपनी कुल सीटों का आंकड़ा 181 तक पहुँचा दिया था। आम आदमी पार्टी तीनों नगर निगमों में सिर्फ 49 सीटें ही जीत सकी थी। उसे उत्तरी दिल्ली में 21, दक्षिण दिल्ली में 16 और पूर्वी दिल्ली में 12 सीटों पर जीत हासिल हो सकी थी।
उसके लिए राहत की बात यह थी कि उसने कांग्रेस को जर्जर हालत में पहुंचाते हुए तीसरे नंबर पर धकेल दिया था। कांग्रेस को कुल 31 सीटें ही मिलीं थीं जिनमें उत्तरी दिल्ली में 16, दक्षिण दिल्ली में 12 और पूर्वी दिल्ली में सिर्फ 2 सीटें ही मिली थीं।
विस्तार में जुटी आप
आप अब लंबी सियासी उड़ान भरना चाहती है। पार्टी इन दिनों जबरदस्त जोश में है और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल एलान कर चुके हैं कि आने वाले दो साल में उनकी पार्टी 6 राज्यों में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, गुजरात और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
आप इससे पहले भी सियासी विस्तार करने के लिए पंख पसार चुकी है लेकिन तब उसे कामयाबी नहीं मिली थी। आप नेताओं का मानना है कि जिस तरह सूरत नगर निगम के चुनाव में पार्टी कांग्रेस को पीछे छोड़कर दूसरे नंबर पर आई है, उसके बाद वह गुजरात में कांग्रेस का विकल्प बन सकती है।