जामिया प्रॉक्टर : गोलीबारी के लिए अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा ज़िम्मेदार, कार्रवाई हो

10:54 am Jan 31, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

जामिया मिल्लिया इसलामिया के चीफ़ प्रॉक्टर ने गुरुवार की गोलीबारी के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की माँग की है।

बता दें कि गुरुवार को जामिया के बाहर रामभक्त गोपाल नामक एक युवक ने वहाँ जमा भीड़ पर गोली चला दी और कहा, ‘ये लो आज़ादी।’ इसमें जामिया के पत्रकारिता विभाग का एक छात्र घायल हो गया। हमलावर को गिरफ़्तार कर लिया गया है। 

उन्होंने इस गोलीबारी के लिए ठाकुर और बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा के भड़काऊ बयानों और नारों को ज़िम्मेदार माना है।

क्या कहा प्रॉक्टर ने

चीफ़ प्रॉक्टर वसीम अहमद ख़ान ने कहा, ‘छात्र राजघाट तक मार्च निकालने की कोशिश में थे, हम उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे। यह शांतिपूर्ण मार्च था, उस आदमी ने गोली क्यों चला दी’

उन्होंने कहा, ‘यह वारदात अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषणों की वजह से हुई। उन्होंने लोगों को उकसाया। हम तकलीफ़ में हैं। पुलिस और सरकार को उन लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए।’

भड़काऊ नारा

बता दें केंद्रीय मंत्री वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुछ दिन पहले एक चुनावी जनसभा में मंच से नारा लगाया, ‘देश के गद्दारों को’ और उसके बाद वहाँ मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसके जवाब में कहा, ‘गोली मारो सालों को।’ ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ।

इसके पहले बीजेपी के नेता और दिल्ली चुनाव में मॉडल टाउन से पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने एक रैली निकाली थी। उस रैली में ख़ुद मिश्रा और उनके साथ चल रहे उनके समर्थकों और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने नारा लगाया था, ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को।’ यह नारा एक बार नहीं, बीसियों बार लगाया गया। 

क्या कहा वाइस चांसलर ने

जामिया की वाइस चांसलर नज़मा अख़्तर ने एक वीडियो मैसेज में सवाल उठाया है कि पुलिस ने उस हमलावर को समय रहते क्यों नहीं पकड़ा। उन्होंने कहा है कि उस बंदूकधारी से 30 मीटर की दूरी पर दो दर्जन से ज़्यादा पुलिस जवान खड़े थे, उस इलाक़े में सीआरपीएफ की 5 कंपनियों के 300 जवानों को तैनात किया गया था। उन्होंने संयम रखने के लिए छात्रों की तारीफ़ की। नज़मा अख़्तर ने कहा :

‘इस वारदात ने हमें अंदर से झकझोड़ दिया है। यह हो ही नहीं सकता कि एक आदमी बंदूक लहराता रहे और उसे कोई रोके नहीं। फिर वह गोली चला दे और उसके बाद उसे बड़े शांतिपूर्ण तरीके से पकड़ लिया जाए।’


नज़मा अख़्तर, वाइस चांसलर, जामिया मिल्लिया इसलामिया

दिल्ली पुलिस ने इस पर सफ़ाई देने की कोशिश की है। विशेष कमिश्ननर, अपराध, ने कहा, यह सब एक झटके में हो गया, एक सेकंड में ही सबकुछ घट गया। पुलिस कुछ कर पाती, उसके पहले ही उस आदमी ने गोली चला दी। मामले की जाँच चल रही है।

वाइस चांसलर ने आगे कहा, 'इस वारदात से हमारा विश्वास हिल गया है। मैं यह उम्मीद करती हूूँ कि ऐसा फिर नहीं होगा। मैं यह आश्वासन चाहती हूँ कि इस तरह की वारदात फिर नहीं होने दी जाएगी।'

याद दिला दें कि यह वही दिल्ली पुलिस है, जिसने नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे आन्दोलन के दौरान जामिया के अंदर घुस कर लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों तक को बुरी तरह पीटा था। वही पुलिस खुले आम बंदूक लहराते युवक को हाथ पर हाथ धरे देखती रही। वह नारे लगाता रहा, चीखता रहा, सड़क पर चलता रहा, पुलिस ने उसे रोकने की कोई कोशिश नहीं की। गोली चलाने के बाद एक पुलिस अफ़सर ने उसे बड़े आराम से पीछे से  पकड़ लिया, हमलावर ने कोई विरोध नहीं किया।